अनन्य भाव से जीवन जीने वाले व्यक्ति को भगवान अभय करते है: अरविन्द भाई ओझा

 कथा में आज श्रीहनुमान जी के जन्म की कथा हुई

श्रीहनुमान जी का जन्म संसार के मनुष्यों की बुराइयों को सुधारने के लिए हुआ और भगवान श्रीराम का जन्म संसार के मनुष्यों को भवसागर से तारने के लिए हुआ है इसलिए हनुमान जी सुधारते है और श्री राम तारते है |
शहीदी दिवस पर बोलते हुए कथा व्यास जी ने कहा कि अनन्य भाव से जीवन जीने वाले व्यक्ति को भगवान अभय करते है अभयता से ही व्यक्ति अपने प्राणों की चिंता छोड़ कर देश समाज के लिए सर्वस्व बलिदान करने को तैयार होता है। हनुमान जी का सिंदूरी रंग हमें त्याग, समर्पण और बलिदान की प्रेरणा देता है।