स्टार्ट-अप्स तक पहुँचकर उनका सहयोग करें वैज्ञानिक संस्थान: डॉ जितेंद्र सिंह

स्टार्ट-अप्स तक पहुँचकर उनका सहयोग करें वैज्ञानिक संस्थान: डॉ जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली में विज्ञान सचिवों की समीक्षा बैठक में उन्होंने यह बात कही है। केंद्रीय मंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को स्टार्ट-अप्स की सफलता की कहानियों को सामने लाने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कहा है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान संबंधी विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आगे बढ़कर स्टार्ट-अप्स की तलाश करें और उन तक स्वयं पहुँचकर आगे बढ़ने में उनका सहयोग करें। 

नई दिल्ली में विज्ञान सचिवों की समीक्षा बैठक में उन्होंने यह बात कही है। केंद्रीय मंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को स्टार्ट-अप्स की सफलता की कहानियों को सामने लाने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कहा है।

इस मौके पर डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा कई अन्य मुद्दों पर प्रगति के साथ-साथ नेशनल साइंस कॉन्क्लेव; विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेषण नीति (एसटीआईपी) के प्रारूप एजेंडा की समीक्षा भी की गई। प्रस्तावित नेशनल साइंस कॉन्क्लेव के प्रारूप की समीक्षा करते हुए डॉ सिंह ने राज्यों, उद्योग प्रतिनिधियों तथा अन्य हितधारकों को शामिल करते हुए विषयगत तथा राज्य विशिष्ट चर्चाओं को सम्मिलित करने का सुझाव दिया है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि विभिन्न विभागों का एकीकरण और कार्यों के दोहराव से बचाव निश्चित रूप से प्रत्येक विभाग के बेहतर आउटपुट के रूप में सामने आएगा।

एसआईटीपी प्रारूप में स्टार्टअप तथा नवोन्मेष संबंधी शब्दों को जोड़ने के लिए सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित करने, वर्ष 2030 तक अनुसंधान परिणामों की गुणवत्ता के संबंध में भारत को शीर्ष पाँच देशों में लाने के तरीके अपनाने, वर्ष 2030 तक विज्ञान में महिलाओं की 30 प्रतिशत सहभागिता का लक्ष्य निर्धारित करने, एसटीआई में भारत को शीर्ष तीन वैश्विक अग्रणी देशों में शामिल करने, तथा किस प्रकार प्रोद्यौगिकी में आत्मनिर्भरता अर्जित की किया जाए, जैसे मुद्वों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। 

इस बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, अंतरिक्ष विभाग के सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव समेत कई प्रतिनिधि एवं अन्य विज्ञान विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के सभी विभागों के लिए एक अंतःमंत्रालयी मीडिया प्रकोष्ठ के गठन के मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा की गई। 

इस अवसर पर सभी छात्रवृत्तियों, अनुदानों या फेलोशिप के लिए एकल साझा पोर्टल लॉन्च करने पर चर्चा की गई है। इसके साथ ही, डॉ सिंह ने फेलोशिप के विलंब से वितरण के मुद्दे पर भी अधिकारियों को निर्देश दिया है। 

(इंडिया साइंस वायर)