गाजियाबाद के विधायकों को योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से स्थानीय भाजपाई और मतदाता निराश


सबसे बड़ी जीत के बावजूद निराश रहे गाजियाबाद के विधायक

 गाजियाबाद.  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत दर्ज करने के बावजूद गाजियाबाद के विधायकों को योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से स्थानीय भाजपाई और मतदाता निराश हैं। साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा ने इस बार जीत का नया रिकार्ड बनाया था। उम्मीद थी कि इन्हें मंत्रीपद जरूर मिलेगा। निवर्तमान स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग भी अपने प्रमोशन को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे, लेकिन वह अपनी राज्यमंत्री तक की कुर्सी तक नहीं बचा पाए। भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप को राज्यमंत्री बनाकर गाजियाबाद में एक मंत्री पद बरकरार रखा है, लेकिन नरेन्द्र कश्यप वर्तमान में किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।

गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट से विधायक सुनील शर्मा ने इस बार सपा प्रत्याशी अमरपाल शर्मा को 2,14 835 वोट से हराकर देश में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड बनाया था। सुनील शर्मा की विधानसभा में यह तीसरी पारी है। वह वर्ष 2007 में गाजियाबाद शहर व 2017 में साहिबाबाद से विधायक रहने के बाद इस बार लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। सबसे बड़ी जीत, विधानसभा में लंबा अनुभव और ब्राह्मण चेहरा होने के कारण इस बार शुरू से ही कयास लग रहे थे कि सुनील को मंत्री पद मिलेगा। उन्होंने चुनाव जीतने के बाद संगठन में लाबिग भी की, लेकिन मेहनत सफल नहीं हुई। गाजियाबाद शहर सीट से अतुल गर्ग भी एक लाख वोट से अधिक जीते थे और मंत्रिमंडल के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन अंत में निराश हुए।

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप तलवार कहते हैं कि भले ही भाजपा का यह निर्णय चौंकाने वाला लग रहा हो, लेकिन भविष्य के लिए कारगर साबित होगा। चुने हुए विधायक भी जानते हैं कि इस बार वोट उनके काम पर नहीं बल्कि योगी और मोदी के नाम पर ही मिला है। भाजपा ने इस बार का मंत्रिमंडल 2024 को ध्यान में रखकर बनाया है।