
मेरठ। मेरठ शहर के एक शिव मंदिर में शनिवार की रात को नंदी की मूर्ति द्वारा जल पीने जाने की खबर ने भक्तों में हलचल मचा दी। सूचना मिलते ही आसपास के क्षेत्र के लोग जल पिलाने के लिए मंदिर पहुंचने शुरू हो गए। नंदी के जल पीने की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है। देखते ही देखते शहर से लेकर देहात तक के कई और मंदिरों में भी जल और दूध पिलाने वालों की होड़ लग गई।
भक्तों का जमावड़ा
गढ़ रोड स्थित नेहरू नगर गली नंबर-दो में आशुतोष महादेव मंदिर है। शनिवार शाम इंटरनेट मीडिया पर नंदी की मूर्ति द्वारा जल पीने की सूचना वायरल हो गई। कुछ ही देर में श्रद्धालु मंदिर पहुंचने शुरू हो गए। देखते ही देखते मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लग गया। व्यवस्था बिगडऩे पर पुजारी ने मंदिर के कपाट बंद कर दिए। जिस वजह से वहां एकत्र लोगों ने विरोध जाहिर करते हुए हंगामा कर दिया। लोगों को बामुश्किल समझाकर शांत कराया गया। भीड़ बढ़ती देख आसपास के लोगों ने मंदिर के कपाट दोबारा खुलवा दिए। इसके बाद श्रृद्धालु देर रात तक दर्शन कर वापस लौटते रहे। कुछ ऐसी ही तस्वीरें भावनपुर, बागपत रोड, जानी, सरधना में भी देखने को मिली।
चमत्कार नहीं, सरफेस टेंशन है कारण
भौतिकी के जानकारों ने इसे चमत्कार नहीं बल्कि इसके पीछे की वजह द्रव्यों का पृष्ठ तनाव यानी सरफेस टेंशन बताया। दीवान पब्लिक स्कूल में भौतिकी के शिक्षक मुकेश गोयल ने कहा कि विज्ञान की भाषा में इसे कैपिलरी राइज कहा जाता है। उन्होंने समझाते हुए उन्होंने बताया कि अगर किसी बंद किए नल की टोंटी से टपकती बूंद को स्पर्श करें तो वह सरक कर हाथ में आ जाती है। इसी प्रकार जब दूध या पानी-जल से भरे चम्मच को किसी बाहर की ओर निकली आकृति वाली मूर्ति से स्पर्श कराया जाता है तो दूध या जल का पृष्ठ तनाव द्रव्य को ऊपर की ओर चम्मच से बाहर खींचता है। दूध या जल खिंचने के बाद गुरूत्वाकषर्ण के कारण यह मूर्ति से नीचे की ओर सरक जाता है। आस्था के कारण यह नीचे जाते दूध पर ध्यान नहीं जाता है।