इस बंद में रोडवेज, ट्रांसपोर्ट, बिजली विभाग और रेलवे से जुड़े कर्मचारी भी शामिल है। इसके अलावा बैंकिंग और इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारियों ने भी इस बंद में हिस्सा लेने का फैसला किया है। इसके अलावा, तेल, पोस्टल, आयकर और टैक्स जैसी यूनियनों से भी बंद का हिस्सा बन रहे हैं।
ट्रेड यूनियनों ने मींटिंग के बाद कहा इस बंद में रोडवेज, ट्रांसपोर्ट, बिजली विभाग और रेलवे से जुड़े कर्मचारी भी शामिल है। इसके अलावा बैंकिंग और इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारियों ने भी इस बंद में हिस्सा लेने का फैसला किया है। इसके अलावा, तेल, पोस्टल, आयकर और टैक्स जैसी यूनियनों से भी बंद का हिस्सा बन रहे हैं। बैंकिंग क्षेत्र में एसबीआई ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस बंद के चलते बैंकिंग कामकाज पर असर पड़ सकता है। बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में इस हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर का कहना है कि देश भर में लगभग 20 करोड़ कामगार और मजदूरों ने औपचारिक और अनौपचारिक तौर पर बंद का हिस्सा बनेंगे। वहीं दूसरी तरफ भारतीय मजदूर संघ इस देशव्यापी बंद के खिलाफ है। उनका कहना है कि यह हड़ताल राजनीति से प्रेरित है और इसीलिए वह इस बंद का हिस्सा नहीं होंगे।