हाइलाइट्स
- यूपी में कुल सात चरणों में होने हैं चुनाव, पहले चरण की वोटिंग खत्म
- कैब ड्राइवर ने बताया राज्य में रोजगार को मुख्य मुद्दा
- राज्य में बीजेपी और एसपी-आरएलडी गठबंधन में सीधी टक्कर है
यह पूछने पर कि आखिर वह अपना वोट किस मुद्दे पर डालेंगे। उन्होंने दो टूक कहा, रोजगार के मुद्दे पर। योगी सरकार में रोजगार नहीं मिला। 2017 में हमने बीजेपी को वोट दिया था लेकिन इसबार नहीं भाई साब। बहुत सोचकर वोट किया था लेकिन कुछ नहीं बदला। यह पूछने पर कि राज्य सरकार तो कहती है कि वह साढ़े 4 लाख लोगों को रोजगार दी है, इसपर सौरभ सक्सेना ने कहा कि कहां रोजगार और किसे मिला? अगर ऐसा होता तो लखनऊ में शिक्षामित्रों पर लाठी तो नहीं चलती। गौरतलब है कि मैनपुरी में तीसरे चरण में 20 फरवरी को वोटिंग होगी।
राज्य सरकार पर हत्थे से उखड़े सक्सेना ने कहा कि राम तो सबके हैं। राम तो खुद आए हैं। लेकिन हमें अपना भविष्य भी तो देखना है। आखिर पेट का सवाल है। अगर रोजगार नहीं होगा तो हमारे बच्चे क्या खाएंगे। यह पूछने पर क्या अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) यादव के वादे पर उनको भरोसा है। सक्सेना ने तपाक से कहा बहुत भरोसा है जी। बदलाव तो तय है।
सौरभ यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi) को भी लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा कि बताइए, यूपी में चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि बिल (Farm Laws) वापस ले लिया। इससे पहले 700 किसानों की इस आंदोलन के विरोध में मौत हो चुकी थी। क्या सबकुछ वोट के लिए ही होगा। बड़ी उम्मीदों से इन्हें वोट दिया था लेकिन कुछ मिला नहीं।
यूपी में चल रहा है ठाकुरवाद, ब्राह्मणवाद
पेशे से कैब ड्राइवर सौरभ सक्सेना ने कहा कि यूपी में इस वक्त ठाकुरवाद और ब्राह्मणवाद चल रहा है। यह पूछने पर कि क्या कोई उन्हें तंग करता है.. तो उन्होंने कहा कि मैं खुद भी सवर्ण हूं लेकिन जाति की राजनीति से आजिज आ चुका हूं। इस बार बदलाव तय है। पश्चिम से पूरब तक इस सरकार को जाना है। सौरभ बोले, मैं तो किसी तरह से अपना पेट पाल सकता हूं लेकिन मुझे भविष्य की चिंता है। मौजूदा सरकार मेरे भविष्य को नहीं संवार सकती है।

यूपी सरकार से क्यों नाराज है ये कैब ड्राइवर?