वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘बैंकों को ज्यादा-से-ज्यादा ग्राहक अनुकूल बनने की जरूरत है। लेकिन यह प्रतिकूल जोखिम लेने की सीमा तक नहीं हो। यह आपको लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान रखना और अधिक-से-अधिक अनुकूल होने की जरूरत है।’’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बैंकों को ज्यादा-से-ज्यादा ग्राहक अनुकूल बनने की जरूरत है। लेकिन यह प्रतिकूल जोखिम लेने की सीमा तक नहीं हो। यह आपको लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान रखना और अधिक-से-अधिक अनुकूल होने की जरूरत है।’’ खारा ने कहा कि बैंक में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया बढ़ रही है और पूरी प्रक्रिया को डिजिटल रूप दिया जा रहा है। इससे चीजें सुगम होंगी।
उन्होंने कहा कि बैंक अगले दो महीने में पूरी तरह से डिजिटल होगा। भरोसेमंद नकदी प्रवाह को देखते हुए छोटे कारोबार क्षेत्रों के लिए ऋण की वृद्धि व्यक्तिगत ऋण के आंकड़े तक पहुंच सकती है। वित्तीय सेवा विभाग में भी काम कर चुके राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि बैंकों को अधिक कर्ज देने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन करने की जरूरतों के बारे में में अवगत होने की जरूरत है।