कीमतों में वृद्धि के बिना कोल इंडिया की कुछ कंपनियों का टिके रहना मुश्किल : चेयरमैन

कीमतों में वृद्धि के बिना कोल इंडिया की कुछ कंपनियों का टिके रहना मुश्किल : चेयरमैन

कंपनी कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर संबंधित पक्षों और निदेशक मंडल के बीच आम सहमति बनाने की भी कोशिश कर रही है। सूत्रों ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव से निपटने के लिए कोल खनन कंपनी पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद कीमतों में वृद्धि कर सकती है।

कंपनी कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर संबंधित पक्षों और निदेशक मंडल के बीच आम सहमति बनाने की भी कोशिश कर रही है। सूत्रों ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव से निपटने के लिए कोल खनन कंपनी पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद कीमतों में वृद्धि कर सकती है।

उन्होंने कहा, ऐसा माना जा रहा कि कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने निवेशकों से बृहस्पतिवार को कहा, मेरे लिए हर दिन महत्वपूर्ण है। कीमतों में बढ़ोतरी बहुत जरूरी हो गई है। कुछ सहायक कंपनियों का अस्तित्व कीमतों में वृद्धि पर निर्भर करता है। अग्रवाल ने हालांकि उन सहायक कंपनियों के नाम का खुलासा नहीं किया।

गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर कोयले की कीमतें बढ़ रही हैं। इसके कारण घरेलू स्रोतों से इस ईंधन की मांग बढ़ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वेतन को लेकर बातचीत 2022-23 में पूरी होने की उम्मीद है।

सूत्रों के अनुसार कंपनी के ऊपर प्रस्तावित वेतन वृद्धि और ईंधन लागत को लेकर खर्च के स्तर पर काफी दबाव है।