
गाजियाबाद : जिले के दो लाख 67 हजार उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का 273 करोड़ रुपया बकाया था, जिसकी वसूली के लिए शासन की ओर से अक्टूबर माह में एकमुश्त समाधान योजना चलाई गई, जिसमें एक लाख 45 हजार उपभोक्ताओं ने 116 करोड़ रुपया जमा कराते हुए दिलचस्पी दिखाई। चुनावी मौसम में विभिन्न पार्टियों ने मुफ्त बिजली देने के वादे किए तो उपभोक्ताओं ने बिल जमा कराने की बजाय कदम वापस खींच लिए। बिल जमा न कराने वालों में 10 प्रतिशत आम उपभोक्ता भी शामिल हो गए हैं। अब विद्युत निगम ने कनेक्शन काटने की तैयारी शुरू कर दी है।
चुनावी मौसम में मुफ्त की बिजली पर अलग-अलग पार्टियों के लोक लुभावने वादों ने विद्युत निगम के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। ओटीएस स्कीम के अंतिम पखवाड़े में उपभोक्ता बिजली बिल बकाया जमा कराने के लिए नहीं पहुंचे। योजना के तहत एक लाख 22 हजार बकायेदारों ने 148 करोड़ रुपया बिल नहीं चुकाया। जिले के घरेलू और वाणिज्यिक विद्युत उपभोक्ता हर माह करीब 350 करोड़ रुपये बिल जमा कराते थे, लेकिन इस बार चुनाव के दौरान मुफ्त की बिजली के वादों में उलझकर 10 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बिल जमा नहीं कराया। तमाम प्रयासों के बावजूद विभाग 300 करोड़ रुपया ही जमा करा सका। बकाया और आमतौर से जमा होने वाले बिजली बिलों की कम वसूली होने पर विभागीय अधिकारियों के माथे पर शिकन है। विभाग के आला अधिकारियों ने बकायेदारों के कनेक्शन काटने और वसूली के निर्देश दिए हैं।
बकायेदारों की सूची तैयार की जा रही है। विद्युत बिल समय से जमा न कराने वालों से वसूली न होने पर कनेक्शन काटे जाएंगे।
- एसके पुरवार, मुख्य अभियंता विद्युत