जीडीए में नक्शा स्वीकृति में हुए खेल की गहनता से जांच जरूरी

जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने गत सितंबर माह में नोटिस जारी कर नियोजन अनुभाग से यूपीओबीपीएस पोर्टल पर आटो स्वीकृत हुए नक्शों के संबंध रिपोर्ट तलब की थी। कई बार रिमाइंडर नोटिस भी दिए, लेकिन पांच माह बाद भी जीडीए सचिव को उक्त सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।

नक्शा स्वीकृति में हुए खेल की गहनता से जांच जरूरी

गाजियाबाद : जीडीए में नक्शा स्वीकृति में हुए खेल की गहनता से जांच जरूरी है। हाल में वरिष्ठ भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने जीडीए अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश आनलाइन बिल्डिंग प्लान सिस्टम (यूपीओबीपीएस) पोर्टल न खोलने और नक्शे आटो स्वीकृत होने का जो मामला उठाया है, इसे अगस्त 2021 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला समन्वयक सोहन पाल सिंह तोमर भी उठा चुके हैं। उन्होंने जीडीए सचिव से मिलकर लिखित शिकायत दी थी, जिसका संज्ञान लेकर जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने गत सितंबर माह में नोटिस जारी कर नियोजन अनुभाग से यूपीओबीपीएस पोर्टल पर आटो स्वीकृत हुए नक्शों के संबंध रिपोर्ट तलब की थी। कई बार रिमाइंडर नोटिस भी दिए, लेकिन पांच माह बाद भी जीडीए सचिव को उक्त सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।

- आरएसएस के जिला समन्यवय का यह है आरोप - वर्तमान में नक्शे उत्तर प्रदेश आनलाइन बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम (यूपीओबीपीएस) पोर्टल के जरिए स्वीकृत हो रहे हैं। अक्टूबर 2019 से पहले नक्शे उत्तर प्रदेश आनलाइन बिल्डिंग प्लान सिस्टम (यूपीओबीपीएस) पोर्टल के जरिये आटो स्वीकृत होते थे। उक्त व्यवस्था के तहत लो-रिस्क यानी जिन बिल्डिंगों के लिए फायर की एनओसी की जरूरत नहीं होती, उनके लंबित नक्शे 48 घंटे में आटो स्वीकृत हो जाते थे। आरएसएस के जिला समन्यवय का आरोप है कि नियोजन अनुभाग के अधिकारी व कर्मचारी जान बूझकर यह पोर्टल नहीं खोलते थे। इसके चलते काफी संख्या में नक्शे गलत पास हो गए हैं। मालूम हो कि बुधवार को भाजपा पार्षद ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से शिकायत कर जीडीए में नक्शा स्वीकृति में हुए खेल की विस्तृत जांच कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने जीडीए के नगर नियोजक राजीव रत्न शाह पर नियम विरुद्ध पुरानी सेवा को जुड़वाकर गलत तरीके से प्राधिकरण सेवा में प्रमोशन पाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है।

यूपीओबीपीएस का काम आगरा की फर्म देखती थी। उस वक्त आटो स्वीकृत नक्शों के संबंध में फर्म से सूचना मांगी गई थी लेकिन कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी उक्त फर्म ने अभी तक सूचना उपलब्ध नहीं कराई है।

- आशीष शिवपुरी, मुख्य नगर नियोजक, जीडीए