मोदीनगर. रावली रोड पर मिलक गांव के सामने मंगलवार शाम को रोडरेज की घटना होने की सूचना पर मौके पर गए रावली चौकी के प्रभारी पर कार सवारों द्वारा हमला करने के मामले में पुलिस ने दूसरे दिन चुप्पी साध ली। कार सवार तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में जरूर ले रखा था। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे। चर्चा रही कि पुलिस विभाग के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी की सिफारिश पर पुलिस ने इसमें अपना कदम पीछे खींच लिया।
कनौजा गांव के सोहनपाल की बाइक में रावली रोड पर मिलक गांव के सामने मंगलवार की शाम को बेकाबू कार ने टक्कर मार दी। इस मामले की सूचना सोहनपाल ने पुलिस को दी। मौके पर रावली चौकी प्रभारी हरेंद्र राणा पहुंचे। इस दौरान कार सवारों ने चौकी प्रभारी पर हमला कर दिया। उनको चोट भी आई। हमले की जानकारी मिलने पर पुलिस बल भी वहां पहुंच गया और तीन आरोपितों को काबू कर पुलिस उनको थाने ले गई। चौकी प्रभारी ने मामले में जानलेवा हमले व सरकारी काम में बाधा डालने की शिकायत रात को ही दी थी। सोहनलाल की ओर से भी लिखित शिकायत दी गई। सोहनलाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके पैर में फ्रैक्चर बताया गया। फिलहाल उनको अस्पताल से घर भेज दिया गया। रात में पुलिस अधिकारियों की आरोपितों के खिलाफ दोनों ही शिकायत में रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी थी। लेकिन बुधवार की सुबह पुलिस का पूरा प्लान बदल गया। इस मामले में थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। उच्चाधिकारियों से इस बारे में बात की जा रही है। वहीं, सोहनलाल की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। वैसे जानकारी मिली कि आरोपित बागपत के ढिकौली गांव के रहने वाले हैं। एक पूर्व आईपीएस अधिकारी की इस मामले में सिफारिश आने के बाद पुलिस ने अपना कदम इसमें पीछे खींच लिया।