प्रत्याशी, उनके समर्थक व आमजन हार-जीत पर कर रहे माथापच्ची

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 मेरठ में विशेषज्ञों की सलाह-दिमागी उलझन से बचें उम्‍मीदवार।

 मेरठ। विधानसभा चुनाव के दो चरण संपन्न हो गए हैं। मेरठ व आसपास की 41 सीटों पर मतदान हो चुका है। प्रत्याशी, उनके समर्थक व आमजन हार-जीत पर माथापच्ची कर रहे हैं। 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम को लेकर सबकी धड़कन तेज है। मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में जहां मतदान हो चुका है, वहां लोगों को चुनाव परिणाम के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। अपनी जीत और प्रतिद्वंद्वी की हार को लेकर यह दिमागी कसरत मानसिक उलझन का भी कारण बन सकती है। मानसिक रोग विशेषज्ञों ने ऐसी स्थिति से बचने की सलाह दी है।

परिवार और अपनों के करीब रहें

तनावमुक्त रहने के लिए परिवार व अपनों के साथ समय व्यतीत करें। सुबह नियमित योग-व्यायाम करें। 15-20 मिनट ध्यान लगाएं। छह से आठ घंटे नींद लें और समय पर सोने की आदत डालें। उलझन दूर करने के लिए दवाओं, नशीले पदार्थ व धूमपान से बचें। यह समस्या को और बढ़ा सकते हैं। संतुलित आहार में दाल, दूध, पनीर, हरी सब्जी, फल, अंडे आदि का सेवन करें। चिकनाई युक्त भोजन से बचें।

- डा. तरुण पाल, विभागाध्यक्ष मानसिक रोग विभाग, मेडिकल कालेज

आशावादी बनें, सकारात्मक नजरिया रखें

परीक्षा का परिणाम हो या चुनाव का, अनिश्चतता के कारण तनाव उभरना स्वाभाविक है। थोड़ी बहुत चिंता आम है लेकिन इसका तनाव का रूप लेना मानसिक सेहत के लिए उचित नहीं। प्रत्याशी व उनके समर्थक इससे बचाव के लिए आशावादी बनें और सकारात्मक नजरिया रखें। यह समझने का प्रयास करें कि चुनाव लडऩा ही बड़ी हिम्मत का काम है। कई लोग हार व इसका जोखिम उठाने के डर से इस ओर देखते तक नहीं। यह सोचें कि उन्होंने अपने विचारों से कितने मतदाताओं को स्वयं से जोड़ा। नतीजा चाहे जो रहे, इसे सीखने की प्रक्रिया के रूप में लें और आगे बेहतर करने की रणनीति बनाएं।

-डा. कमलेंद्र किशोर, मनोचिकित्सक

तनाव से हो सकता है ओसीडी

डा. तरुण पाल के मुताबिक, तनाव से मनोग्रसित-बाध्यता विकार अर्थात आब्सेसिव कंपल्सिव डिसआर्डर (ओसीडी) हो सकता है। इसमें व्यक्ति के दिमाग में तर्कहीन और आधारहीन विचार आते हैैं, जिनसे बाहर निकलने के लिए वह जूझता रहता है। अगर पहले से मधुमेह, बीपी, कार्डियक आदि की समस्या है, तो परेशानी और बढ़ सकती है।

तनाव के लक्षण

तनावग्रस्त लोगों में भूख में कमी, भूख लगने के समय में बदलाव, बहुत ज्यादा पसीना, गला सूखना, चिड़चिड़ापन, हृदय गति बढऩा। कुछ भावनात्मक भी बदलाव दिख सकते हैं। इसमें दूसरों से बचने की कोशिश, स्वयं को कमजोर आंकना, ख्यालों में खोए रहना आदि शामिल है।

पहला सवाल-आपके क्षेत्र में कौन जीत रहा?

चाय की दुकानों और चौक-चौराहों से लेकर गांव-देहात में चौपालों तक इस समय सिर्फ चुनाव परिणामों की चर्चा है। कहीं भी जाइए, आपसे घर-परिवार का हालचाल बाद में पूछा जाएगा। सामने वाले का पहला सवाल ये होगा कि आपके यहां क्या चल रहा है? किसकी जीत की उम्मीद ज्यादा है?