लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) प्रवासी मजदूराें के रहने की व्यवस्था करने जा रहा है

प्रवासी मजदूरों के अपार्टमेंट के लिए शासन स्तर पर मौखिक स्वीकृति मिल चुकी है

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) प्रवासी मजदूराें के रहने की व्यवस्था करने जा रहा है। ऐशबाग में प्रवासी मजदूरों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत एक ऐसा अपार्टमेंट बनाया जाएगा, जिसके नीचे बिल्डर वाणिज्यिक गतिविधियां कर सकेगा और उसके ऊपर प्रवासी मजदूर रह सकेंगे, वह भी नाम मात्र का किराया देकर। इसको लेकर लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी व मुख्य अभियंता इन्दू शेखर सिंह के साथ बैठक में मसौदा तैयार कर लिया गया है। शासन स्तर पर प्रोजेक्ट पर काम करने की मौखिक स्वीकृति ली जा चुकी है, जल्द ही लिखित में आदेश पर जमीन पर काम शुरू कर दिया जाएगा। 

केंद्र सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम योजना के अंतर्गत लविप्रा पिछले एक साल से इस पर काम कर रहा था। ऐशबाग में प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जमीन भी देखी गई थी, लेकिन कोई न कोई पेंच फंस रहा था। अब सभी वाद निस्तारण करते हुए योजना काे अमली जामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि योजना को मूर्तरूप देने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। बिल्डर को 25 साल के लिए इस अफोर्डेबल हाउस स्कीमिंग को चलाने का काम करना होगा। किराया संचालनकर्ता रखेगा और वाणिज्य गतिविधियों से टावर की मरम्मत, बिजली, मरम्मत व साफ सफाई का खर्च निकालेगा।

वन व टू बीएचके होंगे रूमः अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत बनने वाले टावर में वन व टू बीएचके बनाए जाएंगे। इन कमरों में मूलभूत सुविधाएं रहेंगी। बिजली के मीटर भी लगे होंगे और इनका निर्धारित किराया लिया जाएगा, जो लविप्रा बोर्ड मीटिंग में तय करेगा। यहां प्रवासी मजदूर अपने परिवार या समूह के रूप में भी रह सकेंगे। इसके लिए प्रवासी मजदूरों को आधार कार्ड की प्रति जमा करके किराए पर कमरा लेकर रह सकेंगे। टावर में करीब वन बीएचके के सौ से सवा सौ और टू बीएचके के पचास से अधिक सेट बनाने की योजना है।

प्रवासी मजदूरों को परिवार व तीन से चार लोगों के समूह के साथ वन व टू बीएचके किराए पर रह सकेंगे। टावर में वन व टू बीएचके का प्राविधान होगा। कमरों में मूलभूत सुविधाएं