गीत-संगीत की दुनिया के सात सुरों ने लता जी को सात समंदर पार पहुंचा दिया। सुरीले गीतों से लता मंगेशकर करोड़ों दिलों की धड़कन बन गई थी। इस कविता के माध्यम से कवि ने लता मंगेशकर को अपनी श्रंद्धाजलि अर्पित कर रहे हैं।
गीत-संगीत की दुनिया के सात सुरों ने लता जी को सात समंदर पार पहुंचा दिया। सुरीले गीतों से लता मंगेशकर करोड़ों दिलों की धड़कन बन गई थी। इस कविता के माध्यम से कवि ने लता मंगेशकर को अपनी श्रंद्धाजलि अर्पित कर रहे हैं।
होके अवाक सब मूक खड़े
सुर साध साधिका चली गई
बुला सबको एक छांव तले
उठ स्वयं वाटिका चली गई
जिस बंसी पे सभी मोहित थे
खुद तोड़ राधिका चली गई
गले में भरे चिर यौवन से
कर होड़ बालिका चली गई
लगता न था कभी रुकेंगे भी
अंक छोड़ तालिका चली गई
जिसके पुष्प कभी घटे नहीं
वह गीत मालिका चली गई