निजी स्कूलों की याचिका पर हाई कोर्ट का आदेश, फीस वृद्धि से रोक हटाने पर विचार करे सरकार


हाईकोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शुल्क वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी।

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निजी स्कूलों पर फीस वृद्धि पर लगाई गई रोक हटाने को लेकर राज्य सरकार से विचार करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 11 फरवरी को शासनादेश पारित करते हुए स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं लिहाजा सरकार को अब फीस वृद्धि पर लगी रोक हटाने पर भी विचार करना चाहिए। अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। यह आदेश जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस एन के जौहरी की पीठ ने एसोसिएशन आफ प्राइवेट स्कूल्स आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल राय व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया है।

याची ने प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस इस साल भी न बढ़ाए जाने संबंधी सात जनवरी को जारी शासनादेश को चुनौती देते हुए उसे खारिज करने की मांग हाई कोर्ट से की है। याची का तर्क है कि उक्त शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील दी गई कि अब सरकार ने 11 फरवरी को शासनादेश के जरिये स्कूलों को खोलने के आदेश दिए हैं। जिसका आशय है कि हम सामान्य जीवन में लौट आए हैं।

कोर्ट ने याची पक्ष की इस दलील को सही मानते हुए कहा कि एक अप्रैल 2022 से नए अकादमिक सत्र की शुरूआत होनी है और इसके पहले निजी स्कूलों को फीस स्ट्रक्चर भी प्रकाशित करना है व इसके प्रकाशन के बाद बच्चों के माता-पिता की यदि आपत्तियां आती हैं तो उन पर भी विचार करना है। उक्त टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शुल्क वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी।