लखनऊ: लखनऊ की सत्ता में जब-जब परिवर्तन हुआ, आवाज पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आई। वह आवाज वोट की चोट की होती रही है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का प्रमुख संकेत वेस्ट यूपी से मिलता है और पूरे प्रदेश की राजनीतिक दशा और दिशा को तय कर देता है। लेकिन, क्या इस बार की वोटिंग में ऐसा कोई संकेत दिखा है? आंकड़ों पर गौर करेंगे तो ऐसा कोई बड़ा अंतर पड़ता नहीं दिख रहा है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि वोटिंग प्रतिशत (Voting Percentage) बढ़ा है। इन बढ़ते वोट प्रतिशत का असर प्रदेश की सत्ता में परिवर्तन के रूप में भी सामने आया है। यूपी चुनाव 2022 (UP Election 2022) में यह ट्रेंड नीचे जाता दिख रहा है। सवाल यहां उठ सकता है कि 403 में से 58 विधानसभा सीटों पर वोटिंग का असर प्रदेश की राजनीति पर कैसे पड़ेगा? इसका सीधा जवाब है कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बाद से पश्चिमी यूपी (Western UP Election) को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे एक बैटलफील्ड के रूप में देखा जा रहा है। यहां पर पड़ने वाले वोट से निकलने वाला समीकरण पूरे प्रदेश की राजनीति को नियंत्रित करेगा। ऐसे में वोटरों के रुझान ने एक बड़ा संदेश जरूर दे दिया है।
बदला माहौल या वोटरों ने कर दिया खेल, जानिए पहले चरण की वोटिंग का पूरा समीकरण