कभी कभी हम अपने करियर में इतने ज़्यादा मशगूल हो जाते हैं कि अपने लिए सुकून के दो पल भी नहीं निकाल पते हैं। लेकिन असली सफलता करियर और ज़िंदगी के बीच सामंजस्य बनाने में ही है। अगर आपने वर्क-लाइफ बैलेंस सीख लिया तो आप ज़िंदगी में हमेशा खुश रहेंगे।
अपनी प्राथमिकताएँ निर्धारित करें
अपने काम और निजी ज़िन्दगी के बेच बैलेंस बनाने के लिए अपनी प्राथमिकताएँ निर्धारित करें। सबसे पहले यह समझें कि आप क्या चाहते हैं कि आपकी प्राथमिकताएँ वही हो
अपना समय ट्रैक करें
वर्क-लाइफ बैलेंस बनाने के लिए एक हफ्ते के लिए ट्रैक करें कि आप अपना समय कैसे व्यतीत करते हैं। आप उन चीजों को करने में कितना समय बिताते हैं जो आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं? इससे आपको पता चलेगा कि आप कितना समय काम में बिताते हैं और कितना समय अपनी निजी ज़िंदगी के लिए निकाल पाते हैं।
वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच हो अंतर
वर्क-लाइफ बैलेंस बनाने के लिए अपने काम और निजी ज़िन्दगी के बीच एक लकीर खीचें। ऐसा बिल्कुल न हो कि आप घर पर भी ऑफिस का काम कर रहे हों। ऑफिस की टेंशन, ऑफिस में ही छोड़कर आएं।
अपने निजी समय का सम्मान करें
वर्क-लाइफ बैलेंस बहुत जरुरी है कि आप अपने पर्सनल टाइम का सम्मान करें। अगर आप घर पर हैं तो ऑफिस के कॉल्स को अटेंड न करें, जब तक कोई एमर्जेन्सी न हो। जब आप घर पर हों तो अपना समय खुद को और फैमिली को दें।
ब्रेक लें
काम के साथ-साथ ब्रेक भी बहुत जरुरी है। काम करते-करते हमारा दिमाग भी थक जाता है और रिफ्रेश होने के लिए एक ब्रेक की बहुत जरूरत होती है। बेहतर होगा कि आप काम से ब्रेक से और कहीं घूमने जाएं या अपनी कोई फेवरेट चीज़ करें।