392 वीं जयन्ती पर वीर शिवाजी को किया नमन

शौर्य,पराक्रम व छापामार युद्ध के जनक थे वीर शिवाजी-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाजियाबाद,शनिवार,19 फरवरी 2022,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में छत्रपति शिवाजी महाराज की 392 वीं जयन्ती पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन  किया गया।यह परिषद का कोरोना काल में 362 वां वेबिनार था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि विश्व के इतिहास में छत्रपति शिवाजी सरीखा कोई वीर दिखाई नहीं देता है जिन्होंने 19 वर्ष की आयु में ही कई दुर्गों पर अधिकार कर लिया हो और मुगल सल्तनत की नींव जड़ से हिला डाली हो।उन्होंने ही छापामारी युद्ध की शुरुआत की और कई बार मुगल सेना को परास्त किया और मुगल सरदार अफजल खां का वध भी किया।आज भी इतिहास अपने आप को दुहरा रहा है,राष्ट्र को फिर वीर शिवाजी जैसे वीरो की आवश्यकता है जो आंतकवाद का समूलनाश कर सकें।वीर शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग,पूना में हुआ था, पिता का नाम शाहजी भोसले व माता जीजाबाई थी।माता जीजा बाई ने ही उनमें वीरता के भाव भरे।नयी युवा पीढ़ी को भारतीय महापुरुषों व सेनानियों को जानने व पढ़ने की आवश्यकता है तभी उनसे प्रेरणा लेकर वह भारत की अखण्डता की रक्षा करने में सक्षम हो सकेंगे।वीर शिवाजी कुशल प्रशासक,राजनेता,महिलाओं का सम्मान करने वाले राजा रहे।वह सारी आयु औरंगजेब की विशाल सेना से लोहा लेते रहे।मराठा साम्राज्य की नींव भी वीर शिवाजी ने ही डाली थी।उनका पूरा जीवन स्वाभिमान,तप,त्याग, संघर्ष का पर्याय है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि माता निर्माता भवति, वीर शिवाजी को वीर योद्धा बनाने का श्रेय उनकी माता जीजाबाई को ही जाता है।माता जो चाहे वह अपनी सन्तान को बना सकती है। यदि नारी शक्ति सुसंस्कारित, चरित्रवान,साहसी होगी तो राष्ट्र भी वैसा ही बनेगा।अतः मातृ शक्ति को राष्ट्र हित मे चिंतन करना चाहिए तभी भगतसिंह, शिवाजी,आजाद,महाराणा प्रताप जैसे वीर तैयार होंगे।

हापुड़ से आंनद प्रकाश आर्य ने कहा कि युवाओं के लिये वीर शिवाजी से अच्छा हीरो नहीं हो सकता उन्हें अपना आइकॉन बनाना चाहिए।

आर्य नेत्री रमा चावला,कृष्णा पाहुजा,सुनीता बुग्गा,करुणा चांदना,राजेश मेहंदीरत्ता आदि ने भी अपने विचार रखे।

गायिका कमलेश हंस,प्रवीना ठक्कर,कुसुम भण्डारी,रविन्द्र गुप्ता,जनक अरोड़ा,प्रतिभा कटारिया,संध्या पांडेय,विजय खुल्लर,रजनी चुघ,ईश्वर देवी आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।