भारतपे के सह-संस्थापक ने ऑडियो क्लिप को बताया फर्जी, जानें क्या है पूरा मामला

भारतपे के सह-संस्थापक ने ऑडियो क्लिप को बताया फर्जी, जानें क्या है पूरा मामला

सोशल मीडिया मंच ट्विट्टर पर बुधवार को बाबूबोंगो नाम से एक खाते ने एक ऑडियो क्लिप ट्वीट किया था। इस क्लिप के साथ उसने कहा था कि कैसे अमीर संस्थापक गरीब बैंक कर्मचारियों के साथ व्यवहार करते हैं। 4:29 मिनट लंबी इस क्लिप में दो पुरुष और एक महिला की बातचीत करते हुए सुनाई दे रहे हैं।

भारतपे के सीईओ अशनीर ग्रोवर का सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप खूब वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि अशनीर ग्रोवर एक बैंक कर्मचारी को गाली दे रहे हैं। हालांकि अशनीर ग्रोवर ने इस पर अपनी सफाई दी है। अशनीर ग्रोवर ने साफ तौर पर कहा है कि जो ऑडियो वायरल हो रहा है वह पूरी तरीके से फर्जी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि यह धमकी देकर पैसे निकालने का एक प्रयास किया जा रहा है। ऑडियो क्लिप पूरी तरीके से अनवेरीफाइड है। बताया जा रहा है कि फैशन ई-कॉमर्स फॉर्म नायका के शेयरों का आवंटन न करने को लेकर यह बातचीत  वायरल हुई थी। ऑडियो को एक गुमनाम ट्विटर हैंडल के द्वारा पोस्ट किया गया था। यह भी बताया गया था कि कैसे अमीर संस्थापक किसी बैंक के गरीब कर्मचारी के साथ व्यवहार करते हैं।

सुनील ग्रोवर की सफाई

भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने कहा कि नायका के प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) में शेयर नहीं पाने पर एक बैंक कर्मचारी को गाली देने का दावा करने वाला एक वायरल ऑडियो क्लिप पूरी तरह से फर्जी है। उन्होंने कहा कि यह धमकी देकर पैसे निकालने का एक प्रयास है। इसी क्लिप को लेकर ग्रोवर ने ट्वीट कर कहा, मित्रों.....शांत हो जाओ। यह (240,000 डॉलर के बिटकॉइन) धन उगाहने की कोशिश कर रहे कुछ घोटालेबाजों का एक फर्जी ऑडियो है और मैंने झुकने से मना कर दिया है। उन्होंने पिछले महीने यूनिकॉन बाबा के साथ अपने ई-मेल का स्क्रीनशॉट (चित्र) भी साझा किया जिसमे उसने बिटकॉइन के जरिये 240,000 डॉलर की मांग की थी।

सोशल मीडिया मंच ट्विट्टर पर बुधवार को बाबूबोंगो नाम से एक खाते ने एक ऑडियो क्लिप ट्वीट किया था। इस क्लिप के साथ उसने कहा था कि कैसे अमीर संस्थापक गरीब बैंक कर्मचारियों के साथ व्यवहार करते हैं। 4:29 मिनट लंबी इस क्लिप में दो पुरुष और एक महिला की बातचीत करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इसके साथ ही अशनीर ग्रोवर ने कहा कि मैं अपनी इमेज बदलने की कोशिश करूंगा जो कि नैरेटिव बदल सकता है। इससे पहले उन्होंने पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा के सार्वजनिक पेशकश को गलत कीमत देने के फैसले की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि एक असफल लिस्टिंग भारत में आईपीओ के उन्मादी चक्र को समाप्त कर सकती है।