प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सियासी तापमान बढ़ा दिया


UP Elections: विधानसभा चुनाव जनता की कसौटी पर पढ़िये योगी के सवाल और अखिलेश के जवाब

योगी ने जहां अपनी सरकार के पांच साल के विकास, कोरोना प्रबंधन और कानून व्यवस्था का हवाला बताते हुए अपने इरादे जाहिर किए वहीं अखिलेश यादव योगी को उनकी ही भाषा में जवाब देते हुए जनता से विकास का वादा कर गए

गाजियाबाद। 10 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा भी अगले सप्ताह जिले में दस्तक देने वाली हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में दिग्गजों के बीच जुबानी जंग और तेज होने वाली है। पश्चिम की सियासत का केंद्र बिंदु बन चुके गाजियाबाद में शनिवार को प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सियासी तापमान बढ़ा दिया। योगी ने जहां अपनी सरकार के पांच साल के विकास, कोरोना प्रबंधन और कानून व्यवस्था का हवाला बताते हुए अपने इरादे जाहिर किए वहीं अखिलेश यादव योगी को उनकी ही भाषा में जवाब देते हुए जनता से विकास का वादा कर गए। 

आचार संहिता लागू होेने के बाद योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद सहित पश्चिम के लगभग सभी जिलों को मथ चुके हैं। शनिवार को गाजियाबाद में उनका चौथा दौरा था। योगी अपने हर दौरे के समय विपक्षियों में केवल अखिलेश यादव पर ही सबसे अधिक हमला बोलते हैं और हर भाषण में वर्ष 2013 में सपा सरकार में हुए मुजफ्फर नगर के दंगों का जिक्र करना नहीं भूलते। शनिवार को मुरादनगर में भी उन्होंने सपा सरकार के पुराने घाव कुरेदने का मौका नहीं छोड़ा।

यह संयोग ही है कि योगी से पहले शनिवार को अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की और जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी अगली सरकार में दंगे नहीं होंगे। योगी ने जहां अपनी सरकार में भरपूर बिजली देने की बात कही वहीं अखिलेश ने भी तंज कसा कि सरकार ने कोई नए कारखाने नहीं लगवाए हैं। सपा सरकार में बने बिजलीघरों से ही बिजली दे रहे हैं। योगी ने मुजफ्फर नगर, कैराना, बुलंदशहर और मुरादाबाद के सपा प्रत्याशियों पर सवाल उठाते हुए अखिलेश को घेरा। वहीं अखिलेश ने शनिवार को भाजपा के 82 प्रत्याशियों को अपराधी बताते हुए योगी पर हमला बोला।

योगी ने अखिलेश पर कोरोना में घर बैठने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया था। वहीं अखिलेश ने कहा कि कोरोना काल में लोगों के बैंक अकाउंट खाली हो गए, सरकार उपचार नहीं दिलवा सकी। भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि श्मशान से पहली बार शव घर आए।

योगी ने लाल रंग की टोपी पर सवाल किया तो अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपाई प्रचार करने आएं तो उन्हें लाल रंग के खाली सिलेंडर दिखाएं। योगी ने दस मार्च के बाद कानून का राज फिर आने की बात कही तो अखिलेश ने कहा कि दस मार्च को भाजपा का राजनीतिक पलायन होगा। योगी और अखिलेश के एक दूसरे पर सियासी हमले को लेकर जिले में लोग चटखारे लेते रहे वहीं सभी की जुबां पर एक ही शब्द था कि इस बार लड़ाई कांटे की है।