फर्जी करेंसी बनाकर बाजार में चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सात आरोपितों को गिरफ्तार किया

इस्लामनगर स्थित यूनुस के मकान में नकली नोट बनाए जा रहे हैं। पुलिस ने बताए गए मकान में छापेमारी की तो वहां से 6.59 लाख रुपये के नकली नोट व इन्हें बनाने के उपकरण बरामद हुए। मौके से पुलिस ने सात आरोपितों को पकड़ा।

नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सात गिरफ्तार

गाजियाबाद . क्राइम ब्रांच व नारकोटिक्स सेल ने फर्जी करेंसी बनाकर बाजार में चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 6.59 लाख रुपये के फर्जी नोट, प्रिटर, स्केनर, कागज के बंडल समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। बरामद करेंसी में 100 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक के नोट शामिल हैं। आरोपितो ंने यूट्यूब चैनल देखकर फर्जी नोट बनाना सीखा और मई 2021 से नोट बनाने शुरू किए। आरोपितों ने अब तक करीब 17 लाख रुपये की जाली करेंसी बनाने की बात कबूली है। पुलिस का कहना है कि आरोपितों के संबंध में देश की अन्य एजेंसियों को भी सूचना दे दी गई है।

शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एएसपी एवं सीओ क्राइम आकाश पटेल ने बताया कि क्राइम ब्रांच को मुखबिर ने सूचना दी थी कि इस्लामनगर स्थित यूनुस के मकान में नकली नोट बनाए जा रहे हैं। पुलिस ने बताए गए मकान में छापेमारी की तो वहां से 6.59 लाख रुपये के नकली नोट व इन्हें बनाने के उपकरण बरामद हुए। मौके से पुलिस ने सात आरोपितों को पकड़ा। इनमें गिरोह का मास्टरमाइंड आजाद निवासी चमन कालोनी, कालका गढ़ी निवासी अमन, लालकुआं निवासी आलम और कैला भट्टा निवासी रहबर, सोनू उर्फ गंजा और इस्लामनगर निवासी मोहम्मद यूनुस शामिल हैं। आजाद, सोनू उर्फ गंजा, यूनुस नकली नोट छापने का काम करते हैं। अन्य आरोपित 20 प्रतिशत कमीशन पर नकली नोटों को बाजार में चलाते हैं। नकली नोट चले तो आजाद को आया आइडिया : एएसपी आकाश पटेल ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड आजाद ने पूछताछ में बताया कि कुछ माह पूर्व उसे पेट्रोल पंप पर एक व्यक्ति से पैसे खुलवाने पर कुछ नकली नोट मिल गए थे। बाद में नोटों के नकली होने का पता चलने पर आजाद ने उन्हें बाजार में चलाने का प्रयास किया तो वह चल गए। इसके बाद उसे नोट बनाने का आइडिया सूझा तो उसने प्रयास शुरू कर दिए। मई 2021 में उसने यूट्यूब पर जाली नोट बनाने का तरीका खोजा। यूट्यूब पर वीडियो देखकर वह नकली नोट बनाना सीख गया और करीब चार महीने में वह अपने काम का एक्सपर्ट बन गया। पांचवी से आठवीं पास हैं सभी आरोपित : पुलिस के मुताबिक पकड़े गए सभी आरोपितों ने पांचवीं कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई की है। इसके बाद भी वह अपने काम में माहिर हो गए और नकली नोट बनाकर बाजार में खपाने लगे। आरोपितों से बरामद नकली नोट ऐसे हैं, जिन्हें एक नजर में भांपना काफी मुश्किल है। पुलिस ने बिछाया जाल तो फंसे आरोपित : एएसपी ने बताया कि आरोपित एक हजार रुपये के असली नोट के बदले में तीन हजार रुपये के नकली नोट देते थे। पुलिस को गिरोह की सूचना मिली तो एक पुलिसकर्मी ग्राहक बनकर आरोपितों के पास पहुंचा और उसने डेढ़ लाख रुपये के बदले नकली नोट लेने की बात की। आरोपित लालच में आ गए और पुलिस के बिछाए जाल में फंस गए। आरोपित नकली नोट चलाने के लिए बाजार के छोटे दुकानदारों से संपर्क करते थे। पैठ बाजार में ठेली-पटरी वाले दुकानदार इनकी पहली पसंद थी। पूछताछ में आरोपितों ने अब तक 12 लाख रुपये बाजार में खपाने की बात कबूली है। भाई की दुकान पर खपाता था नकली नोट : पकड़ा गए आरोपित रहबर के भाई की घंटाघर स्थित मार्केट में चूड़ियों की दुकान है। इस दुकान पर नकली नोट बड़ी तादात में खपाए जा रहे थे। रहबर नकली नोट अपने भाई को देता था और उसका भाई दुकान पर आने वाली महिलाओं को नकली नोट देता था। पुलिस का कहना है कि आरोपितों के बयान के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।