मतदान करने में शहरी पीछे, ग्रामीण रहते हैं आगे

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। रैली, रोड शो और जनसभा का आयोजन करने पर कोरोना की वजह से रोक लगाई गई है। ऐसे में जिले में मतदान प्रतिशत को बढ़ाना भी जिला प्रशासन के लिए चुनौती होगा, खास तौर पर उस वक्त जब पुराना रिकार्ड इस बात की पुष्टि करता है कि गाजियाबाद में मतदान करने में शहरी मतदाता ग्रामीण मतदाताओं से पीछे रहते हैं। विधानसभा चुनाव 2012- मत प्रतिशत
क्षेत्र मत प्रतिशत
लोनी 60.19
मुरादनगर 62.34
साहिबाबाद 49.31
गाजियाबाद 54.08
मोदीनगर 62.61 विधानसभा चुनाव 2017- मत प्रतिशत
क्षेत्र मत प्रतिशत
लोनी 60.12
मुरादनगर 62.47
साहिबाबाद 49.20
गाजियाबाद 53.26
मोदीनगर 64.75
मतदाता प्रतिशत बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन: जिले में मतदाता प्रतिशत को बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया ज रहा है। कोरोना काल में ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान के प्रति जागरूक हो सकें, इसके लिए फेसबुक और वाट्सएप सहित अन्य इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। शहर से लेकर देहात में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। खासतौर पर युवाओं के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने की तैयारी की गई है, इसके लिए शिक्षण संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। लेकिन गाजियाबाद प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों की परीक्षा 10 फरवरी को होगी। मतदान में पीछे रहने की वजह
- मतदाता सूची में शामिल कई लोगों का शहर से बाहर रहना
- मतदान केंद्र घर से काफी दूर होना
- मतदाताओं का अपने अधिकारी के प्रति जागरूक न होना
मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा हैं। दिव्यांगजनों और बुजुर्गों को घर से मतदान करने की सुविधा इस बार मिलेगी, इससे भी मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
-ऋतु सुहास, उप जिला निर्वाचन अधिकारी