मोदीनगर. भोजपुर पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। इस बार पुलिस ने पीड़ित को ही शांतिभंग की धाराओं में चालान कर दिया। जबकि, पीड़ित को आरोपितों ने बेरहमी से पीटा था। उनके सिर पर वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। पीड़ित ने आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी। लेकिन, पुलिस ने आरोपितों से सांठगांठ कर मुकदमा दर्ज करने की जिम्मेदारी नहीं समझी। बेचारे पीड़ित का ही शांतिभंग में चालान कर उसके परिवार के लोगों को मुचलके में पाबंद कर दिया। भदौला गांव के रहने वाले उमेश कुमार मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। शनिवार को वे अपने घर में ही थे। आरोप है कि इस बीच पड़ोस में रहने वाले कुछ दबंग उनके घर में घुस आए। गाली-गलौज करते हुए आरोपितों ने उनसे मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं, बीच-बचाव कराने आई उनकी बेटी स्वाती को आरोपितों ने पीटा। जब उमेश आरोपितों का विरोध करने लगे तो एक आरोपित ने धारदार हथियार से उनके सिर पर हमला कर दिया। हमला इतना जोरदार था कि उमेश खून से लथपथ होकर वहीं गिर पड़े। सूचना पर पहुंची पुलिस आरोपितों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। उमेश के अनुसार, उनकी बेटी की तरफ से आरोपितों के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई थी। लेकिन, पुलिस ने उल्टा उमेश का ही शांतिभंग में चालान कर दिया। जबकि, उमेश के सिर में चोट हैं। जानलेवा हमला करने की धाराओं में आरोपितों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। मामले में भोजपुर एसओ मुन्नेश कुमार का कहना है कि दोनों पक्ष के लोगों ने एक-दूसरे पर हमला किया था। इसलिए दोनों पक्षों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की गई है। घायलों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पीड़ित का ही शांतिभंग में चालान कर उसके परिवार के लोगों को मुचलके में पाबंद