भारत-पाकिस्तान ने एक दूसरे से शेयर की परमाणु संस्थानों की सूची, इसके पीछे की वजह है ये एग्रीमेंट

 भारत-पाकिस्तान ने एक दूसरे से शेयर की परमाणु संस्थानों की सूची, इसके पीछे की वजह है ये एग्रीमेंट

भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को परमाणु प्रतिष्ठानों की सूचियों का आदान-प्रदान किया। द्विपक्षीय संबंधों के सर्वकालिक निचले स्तर पर होने के बावजूद तीन दशक से अधिक पुरानी परंपरा को बनाए रखा गया।

भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को नए साल के मौके पर एक-दूसरे से परमाणु संस्थानों की सूची शेयर की है। ऐसा दोनों देशों के बीच न्यूक्लियर इन्स्टॉलेशन को हमले से बचाने से जुड़े समझौते के तहत किया गया। द्विपक्षीय संबंधों के सर्वकालिक निचले स्तर पर होने के बावजूद तीन दशक से अधिक पुरानी परंपरा को बनाए रखा गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का भी आदान-प्रदान किया, और भारतीय पक्ष ने नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग की। 

क्या है एग्रीमेंट

ऐसा ‘प्रोविजन ऑफ द एग्रीमेंट ऑन प्रोहिबिशन ऑफ अटैक अगेंस्ट न्यूक्लियर इन्स्टॉलेशन एंड फैसिलिटीज’ के तहत किया गया है। समझौते पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए और 27 जनवरी, 1991 को लागू हुआ। इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान को प्रत्येक कैलेंडर वर्ष 1 जनवरी को समझौते के तहत शामिल होने वाले परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में एक-दूसरे को सूचित करना होगा। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का यह लगातार 31वां आदान-प्रदान है, पहला 1 जनवरी 1992 को हुआ था। 

 भारत-पाक की जेल में बंद कैदियों की संख्या

नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से एक साथ आदान-प्रदान किए गए नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची के अनुसार भारत में पाकिस्तान के 282 नागरिक और 73 मछुआरे कैद हैं। जबकि पाकिस्तान की हिरासत में 51 भारतीय कैद हैं और 577 मछुआरे हैं। भारत ने पाक से कैदियों की रहाई की मांग की है। इन सूचियों का आदान-प्रदान मई 2008 में हस्ताक्षरित कांसुलर एक्सेस पर समझौते के प्रावधानों के अनुरूप किया जाता है। इस समझौते के तहत, दोनों पक्ष हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को व्यापक सूचियों का आदान-प्रदान करते हैं।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

विदेश मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा, सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नौकाओं के साथ जल्द से जल्द रिहा करने और स्वदेश भेजने का आह्वान किया है। इस संदर्भ में पाकिस्तान को दो भारतीय नागरिक कैदियों और 356 मछुआरों की रिहाई में तेजी लाने के लिए कहा गया था, जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि पहले ही हो चुकी है और पाकिस्तान को अवगत करा दिया गया है।