न तो किसी दल ने महिलाओं को मौका दिया और न ही मतदाताओं ने भरोसा जताया।

 यहां न तो इस अनुपात में किसी दल ने महिलाओं को मौका दिया और न ही मतदाताओं ने भरोसा जताया।

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महिलाओं को 40 फीसद की हिस्सेदारी देने की बात कह रही है तो वहीं पिछली बार भाजपा ने प्रदेश की 42 सीट यानी 10 प्रतिशत से कुछ अधिक महिला प्रत्याशियों को उतारा था। आधी आबादी की हिस्सेदारी में गाजियाबाद इससे फिसड्डी रहा है। यहां न तो इस अनुपात में किसी दल ने महिलाओं को मौका दिया और न ही मतदाताओं ने भरोसा जताया।

आधी आबादी की 8.33 फीसद रही हिस्सेदारी : 1951-52 से 2007 तक तीन सीट पर और पिछले दो विधानसभा चुनाव पांच सीट पर हुए हैं। गाजियाबाद सीट पर 2004 में और मुरादनगर सीट पर 2008 में उपचुनाव हुए थे। एक सीट पर 17, दो सीट पर 18-18 और दो सीट पर 2-2 बार चुनाव हुए, जिनमें 36 लोग विधायक के पद पर चुने गए। इनमें सिर्फ तीन महिला शामिल हैं यानी हिस्सेदारी 8.33 प्रतिशत रही। कांग्रेस की विचित्रा नारायण शुरुआती तीन चुनाव व विमला सिंह 1985 और भाजपा की मंजू शिवाच 2017 के चुनाव में विधायक चुनी गई थीं।

इस बार भी नहीं बदली सूरत : प्रमुख दलों की बात करें तो पांचों सीट पर 25 उम्मीदवार घोषित होने हैं। भाजपा ने पांचों घोषित कर दिए हैं और सत्ताधारी पार्टी की ओर से मोदीनगर सीट पर डा. मंजू शिवाच इकलौती महिला प्रत्याशी होंगी। सपा-रालोद ने चार टिकट पुरुषों को दिए हैं और एक की घोषणा होनी बाकी है। 40 फीसद हिस्सेदारी की बात करने वाली कांग्रेस ने तीन पुरुष उम्मीदवार घोषित किए हैं। दो टिकट फाइनल होने बाकी हैं। बसपा के घोषित चार उम्मीदवारों में डा. पूनम गर्ग को मोदीनगर से मौका मिला है। आप के चार उम्मीदवारों में शामिल डा. छवि यादव साहिबाबाद से चुनाव लड़ेंगी।

घर हो या बाहर, महिलाएं ज्यादा जिम्मेदारी से काम करती हैं। परिणाम पाने की ललक महिलाओं में ज्यादा होती है। पैसा व शक्ति मिलने से पुरुष जल्दी प्रभावित होते हैं। इसलिए महिलाओं को बढ़ावा मिलना चाहिए।

आज पुरुष और महिला की हर क्षेत्र में हिस्सेदारी बराबर है तो चुनाव में भी होनी चाहिए। महिलाएं अपने कर्तव्य के प्रति अधिक जागरूक होती हैं। महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ेगी तो समाज में महिलाओं की स्थिति उतनी ही बेहतर होगी।