शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान संभव, स्वास्थ्य सचिव ने चुनाव आयोग को दी कोरोना की स्थिति की जानकारी

शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान संभव, स्वास्थ्य सचिव ने चुनाव आयोग को दी कोरोना की स्थिति की जानकारी

आयोग ने एक अन्य बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी विचार विमर्श किया। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग लगातार बैठक कर रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को दोनों चुनाव आयुक्तों की मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक है। इस अहम बैठक के बाद शुक्रवार को ही चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। इससे पहले सीईसी ने लखनऊ में कहा था कि मतदाता सूची आने के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। पांच जनवरी को मतदाता सूची आ चुकी है। ऐसे में अब चुनाव की तारीखों के ऐलान की संभावना जताई जा रही है। इन सब के बीच आज निर्वाचन आयोग में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ कोरोनावायरस की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और चुनावी राज्यों के सभी पात्र लोगों को टीकाकरण जल्द मुहैया कराने पर जोर दिया।

कानून व्यवस्था व कोविड स्थिति की समीक्षा

आयोग ने एक अन्य बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी विचार विमर्श किया। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। सूत्रों ने बताया कि कोविड की स्थिति का आकलन करने के लिए हुयी बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने भी भाग लिया। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने कोविड की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और चुनाव प्रचार तथा मतदान के दौरान किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों से सुझाव लिए। आयोग ने स्वास्थ्य सचिव से सभी पात्र व्यक्तियों के लिए पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 27 दिसंबर को निर्वाचन आयोग के साथ बैठक की थी। चर्चा के दौराननिर्वाचन आयोग ने सरकार से चुनाव वाले राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम को तेज करने के लिए कहा था।

चुनावी खर्च की सीमा बढ़ी

लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दी गयी है वहीं विधानसभा चुनाव में यह सीमा 28 लाख रुपये के स्थान पर 40 लाख रुपये होगी। निर्वाचन आयोग ने कानून मंत्रालय की अधिसूचना का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। सरकार का निर्णय चुनाव निकाय द्वारा की गयी सिफारिश पर आधारित है। लोकसभा चुनावों के लिए संशोधित खर्च सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 95 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 लाख रुपये होगी। पहले यह सीमा बड़े राज्यों के लिए 70 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 54 लाख रुपये थी। विधानसभा चुनावों के लिए, उम्मीदवारों के लिए संशोधित चुनाव खर्च की सीमा बड़े राज्यों के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की गयी है। छोटे राज्यों में उम्मीदवार अब 20 लाख रुपये के स्थान पर अधिकतम 28 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। आयोग ने कहा कि खर्च की नयी सीमा आगामी सभी चुनावों में लागू होगी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में उम्मीदवार अब नयी सीमा के तहत चुनावी खर्च कर सकेंगे। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और उम्मीद है कि आयोग अगले कुछ दिनों में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।