अदरक और लेहसुन में पाए जाने वाले तत्वों का विश्लेषण कर रोग प्रतिरोधक क्षमता के गुण होने का दावा


अदरक और लहसुन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने पर शोध करने वाले आंबेडकर युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का शीर्ष, में नाम।

लखनऊ।  देश और दुनिया में कोरोना संक्रमण काल में जब बड़ी-बड़ी कंपनियां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर बड़े-बड़े दावे करके अपने उत्पाद को बेचने में लगीं थीं, तो इससे इतर लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देवेश कुमार आम लोगों के अंदर की क्षमता के विकास के लिए शोध कर रहे थे। घरेलू सस्ते उपचार की मंशा के अनुरूप उन्होंने अदरक और लेहसुन में पाए जाने वाले तत्वों का विश्लेषण कर रोग प्रतिरोधक क्षमता के गुण होने का दावा किया।

इस दावे के बल पर अमेरिका ने विश्व के दो फीसद श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में इनका नाम शामिल कर कंपनियों की नींद उड़ा दी। अकेले प्रोफेसर देवेश ही नहीं विश्वविद्याल के कुलपति प्रो.संजय सिंह ने फार्मेसी के क्षेत्र में शोध करके अपनी अलग पहचान बनाई। कुलपति को फार्मोकोलॉजी और फार्मेसी में उत्कृष्टता का तमगा मिला है। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड विवि की ओर से 2020 में जारी विश्व के दो फीसद सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिको की सूची में कुलपति के साथ पांच और शिक्षकों का नाम है।

इसलिए खास है अदरक-लेहसुनः प्रोफेसर देवेश ने बताया कि अदरक में 80 फीसद पानी होता है जो शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। रासायनिक तत्वों की बात करें तो इसमे स्टार्च 53 फीसद, प्रोटीन 12.4 फीसद, फाइबर 7.2 फीसद, राख 6.6 फीसद, तेल 1.8 फीसद के साथ ही ओथियोरेजिन पाया जाता है जो शरीर के अंदर के सूक्ष्म पोषक तत्वों को दुरुस्त करता है। इसके सेवन से भूख बढ़ती है और पेट से संबंधित विकार दूर हाेते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए जरूरी है। लेहसुन में विटामिन-बी-छह की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। विटामिन-सी के अलावा मैंग्नीज, सेलेनियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा और तांबे जैसे तत्व पाए जाते हैं। सभी तत्व शरीर की ऊर्जा बनाने में सहायक हाेते हैं। शोध में पाया गया कि इसके सेवन से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और शरीर के विकार दूर होने के साथ किसी भी तरह के दर्द से निजात मिलती है। शोध में दोनों के रस के सार्थक परिणाम आए हैं।

1500 वैज्ञानिकों में हुआ चयनः

देश के 1500 उत्कृष्ट वैज्ञानिकों में इनका नाम आने से आंबेडकर विश्वविद्याल को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। अमेरिका के स्टैनफोर्ड विवि के डा.जान पीए लोननिदिस के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी ने सूची तैयार की थी। अंबेडकर विवि के कुलपति समेत छह शिक्षकों में डा.जय शंकर सिंह, डा.विमलचंद्र पांडेय,प्रो.रामचंद्रा और प्रो. बीएस भदौरिया का नाम शामिल है। सभी का मूल्यांकन शोध पेपर के आधार पर किया गया और शोध को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पब्लिक लाइब्रेरी आफ साइंस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है।