पिताजी, पिताजी एक बात पूंछूं? (व्यंग)


बेटा-
पिताजी, पिताजी एक बात पूंछूं?

पिताजी-हाँ हाँ बेटा पूछो पूछो।

बेटा- पिता जी क्या आप एनडी टीवी वाले रवीश कुमार जी को जानते हैं?

पिता जी-हां बेटा मैं ही क्या पूरा देश ही उनको जानता है। वह एनडी टीवी के एक जानेमाने बड़े पत्रकार हैं।प्राइम टाइम उनका एक प्रमुख कार्यक्रम है जो देश में बहुतसे लोग देखते हैं।

 बेटा-पिताजी क्या यह पत्रकार मानसिक रूप से बीमार है?

पिताजी-नहीं बेटा,मैंने तो ऐसा नहीं सुना पर क्या तुझे वह मानसिक रूप से बीमार नजर आते हैं?

 बेटा- जी हां पिताजी,मुझे तो वह पत्रकार एक बहुत बड़ा मानसिक रोगी लगता है।क्योंकि मैं विगत 7 वर्षों से देखता आ रहा हूं कि जब से मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने हैं वह तभी से वह उनके विरुद्ध ही बोलते चले आ रहे हैं।दिन रात मोदी जी और उनकी सरकार के विरुद्ध जहर उगलते हैं।वे देशवासियों के दिलों में मोदी जी प्रति अपने कुतर्कों से नकारात्मकता भरते हैं। मोदी जी को पानी पी पी कर कोसते कभी नहीं थकते। उनकी सरकार को बदनाम करते हुए भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर लोगो को गुमराह करते हैं मैंने आज तक उनके मुँह से कभी भी कोई एक बात भी मोदी की प्रशंसा में नहीं सुनी।अरे मोदी जी का विरोध करना है करो मगर देशहित में किये उनके अच्छे कामों की भी तो कभी प्रशंसा करो। केवल और केवल मोदी जी की निंदा ही करने वाला व्यक्ति कैसे पत्रकार कहलाने का अधिकारी हो सकता है? माना उनको भी अभिव्यक्ति की आज़ादी प्राप्त है किंतु एक पत्रकार का कर्म धर्म किसी व्यक्ति की सिर्फ निंदा करना ही नहीं होता बल्कि अच्छे कामों की सरहाना भी पत्रकारिता का धर्म होता है।

पिताजी-हां बेटा यह तो मैं भी देखता हूं कि उनकी वह मोदी के विरोध में बहुत कुछ ऐसा भी कह जाते हैं जो एक पत्रकार होने के नाते उनको कहना शोभा नहीं देता।

 बेटा-पिताजी इस पत्रकार की घटिया मानसिकता का पता इस बात से चलता है जब पिछले दिनों मोदी जी कोरोना काल में सफलतापूर्वक अपना टीकाकरन अभियान  चला रहे थे उसे देखकर भी यह पत्रकार खुश होने की बजाए जल भून उठा और टीकाकरन अभियान की बुराई करते हुए इस अभियान की तुलना सफल पोलियो टीका करन अभियान से करते हुए कोरोना टीका अभियान को फेल सा ही बताया।धिक्कार है ऐसी होछी मानसिकता पर।इस व्यक्ति को चाहिए था लोकहित और देश हित के लिए आप टीकाकरण  अभियान को सफल बनाने में अपना सहयोग करें।उस टीकाकरन के प्रति लोगों के मन से भय दूर कर उनको जागरूक कर अपना धर्म निभाना चाहिये था।परंतु बहुत दुख की बात है उस वक़्त भी यह बंदा टीकाकरण के खिलाफ ही बोलता नज़र आया।पिता जी जिस रफ्तार से यह बंदा मोदी से नफरत की आग में दिन रात जल भून रहा रहा है,मुझे डर है कि कहीं ऐसा न हो कि मोदी जी को सत्ता से बेदखल देखने को यह आतुर है यह भाई अगर 2024 में भी मोदी जी पुनः देश के प्रधानमंत्री बनते देखेगा तब तो यह पूरी तरह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठेगा और तब हम इस को एन डी टीवी पर शो करते नहीं किसी पागल खाने में अपना इलाज़ करते देखेंगे।

पिताजी-चल चुप हो जा जब देखो बक बक करता रहता है।

-अमित अरोरा, इम्पाला,मोदी नगर