आपका बच्चा भी पेट के बल लेटकर पढ़ता है तो उसकी इस आदत को जल्द बदलें, हो सकते हैं 5 नुकसान

लंबे समय तक पेट के बल लेटकर पढ़ने से बच्चों की गर्दन में स्ट्रेन आ सकता है।

नई दिल्ली। बच्चे बेहद शरारती और ज़िद्दी होते हैं। बचपन में जिस काम को करने को मना किया जाए बच्चे वहीं काम ज्यादा करते हैं। बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उनकी हर एक गतिविधि पर नज़र रखना जरूरी है। बच्चे कैसे बैठकर खाते हैं, कैसे सोते हैं और खास तौर पर कैसे बैठकर पढ़ते हैं इस पर नज़र रखना जरूरी है।

कोरोना काल में अभी भी बच्चे घर में ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चे कभी लेटकर पढ़ते हैं तो कभी बैठकर पढ़ते हैं जिसका सीधा असर बच्चों के पॉश्चर पर पड़ रहा है। कुछ बच्चे अक्सर पेट के बल लेटकर क्लास लेते हैं जिससे उन्हें पीठ दर्द के साथ ही और भी सेहत संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं पेट के बल लेटकर पढ़ने से बच्चों को कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं।

गर्दन का दर्द कर सकता है परेशान:

लंबे समय तक पेट के बल लेटकर पढ़ने से बच्चों की गर्दन में स्ट्रेन आ सकता है। उन्हें गर्दन में दर्द की समस्या हो सकती है। एक ही पोजीशन में लगातार लम्बे समय तक बैठने से बच्चों की स्पिाइनल कॉर्ड पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। स्पिाइनल कॉर्ड पर दबाव पड़ने से बच्चों में सर्वाइकल की समस्या बढ़ सकती है। उलटा लेटकर पढ़ने से बच्चों की गर्दन की नसों में अकड़न आ सकती है।

रीढ़ की हड्डी में हो सकता है दर्द:

बच्चे लंबे वक्त तक लेटकर पढ़ते हैं तो उन्हें रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत हो सकती है। उनकी पीठ के मसल्स में खिंचाव आ सकता है, साथ ही हड्डियों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।

बच्चों की आंखें हो सकती हैं कमज़ोर:

पेट के बल लेटकर पढ़ने से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है। लेटकर पढ़ने से बच्चों की बुक और आंखों के बीच दूरी सही तरह से मेंटेन नहीं हो पाती। बच्चों की आंखों पर दबाव पड़ने से आंखें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है।

पाचन पर पड़ता है असर:

पेट के बल लेटकर खाने और पढ़ने से बच्चों के डाइजेशन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं। लेटकर पढ़ने से बच्चों का मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है। गलत पोजीशन में लेटने की वजह से बच्चों को कब्ज और बदहजमी की शिकायत हो सकती है।

बच्चों का वज़न बढ़ सकता है:

पेट के बल लेटने से बच्चों का वज़न बढ़ सकता है, इस तरह लेटने से बच्चों की भूख भी प्रभावित होती है।