हम निकल पड़े हैं प्रण करके


हम निकल पड़े हैं प्रण करके
अपना तन-मन अर्पण करके
जिद है एक सूर्य उगाना है
अम्बर से ऊँचा जाना है
एक भारत नया बनाना है