नई दिल्ली/गाजियाबाद । नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सोमवार संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन (सोमवार को) दोनों सदनों ने कृषि कानून को निरस्त करने वाले कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी मंजूरी दी। बावजूद इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने समेत 6 मांगों को लेकर पंजाब, यूपी और हरियाणा के किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को बड़ा बयान देकर केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। उन्होंने ताजा ट्वीट मैं कहा है- 'किसानों की घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा।
उधर,कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन मंगलवार को भी यूपी गेट पर जारी रहा। हालांकि यहां सन्नाटा पसरा रहा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा यूपी गेट के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा यहीं पर हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना किसान यहां से नहीं जाएगा। चार दिसंबर को हमारी बैठक है। वहीं, जगतार सिंह बावजा ने कहा कि एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बार्डर पर अब तक प्रगति को लेकर बैठक होगी। उसके बाद चार दिसंबर को बैठक करके आंदोलन के आगामी स्वरूप को तय किया जाएगा।
बुधवार की बैठक में आ सकता है बड़ा फैसला
बता दें कि बुधवार (1 दिसंबर को) दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें किसान आंदोलन जारी रखने या फिर इसे समाप्त करने पर फैेसला होना है। बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन समाप्त करने को लेकर किसान संगठनों के बीच मतभेद हैं। पंजाब से जुड़े किसान संगठनों का कहना है कि जिस अहम मांग लेकर हम एक साल से बैठे थे, वह मांग पूरी हो गई है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस ले लिया है, जबकि बाकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया है। ऐसे में जिद ठीक नहीं है।
कुंडली बार्डर घर वापसी को सामान बांधने लगे किसान
उधर, सिंघु बार्डर पर टेंटों में रह रहे पंजाब और दूसरी जगहों के किसानों ने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है। वह एक दिसंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के इंतजार में हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि किसानों का धरना अगले कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा।