उत्तर प्रदेश की खबरें: चीनी का वितरण 18 रुपये प्रति किलोग्राम की निर्धारित दर से होगा

 

उत्तर प्रदेश की खबरें: चीनी का वितरण 18 रुपये प्रति किलोग्राम की निर्धारित दर से होगा

इस बार खाद्यान्न के साथ-साथ अन्त्योदय कार्डधारकों को चीनी का भी वितरण 03 नवम्बर, 2021 से प्रारम्भ होने वाले वितरण के प्रथम चक्र के अन्तर्गत किया जायेगा। चीनी वितरण के सम्बन्ध में पोर्टेबिलिटी की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी, अन्त्योदय कार्डधारक अपनी मूल उचित दर दुकान से ही चीनी प्राप्त कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हेतु राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 में आच्छादित अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी राशनकार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर माह जुलाई, 2021 से नवम्बर, 2021 के लिए 05 किग्रा0 प्रति यूनिट की मात्रानुसार निःशुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। इस हेतु निर्गत आवंटन नवम्बर, 2021 के अन्तर्गत 05 किग्रा0 गेहूं प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से वितरण होगा। इसके अलावा अन्त्योदय कार्डधारकों को त्रैमास अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर हेतु 01 कि0ग्रा0 प्रतिमाह प्रति कार्ड की दर से अनुमन्य कुल 03 कि0ग्रा0 चीनी प्रति कार्डधारक एक साथ माह नवम्बर, 2021 में मिलेगी। इस सम्बन्ध में खाद्य आयुक्त श्री सौरभ बाबू ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त, श्री अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि पी0एम0जी0के0ए0वाई0 योजना के अन्तर्गत आवश्यक वस्तुओं का वितरण कल 03 नवम्बर, 2021 से प्रारम्भ होकर 15 नवम्बर, 2021 तक सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया कि दीपावली पर्व के दृष्टिगत 05 नवम्बर, 2021 के स्थान पर 03 नवम्बर, 2021 से वितरण कराये जायेगा। इस बार खाद्यान्न के साथ-साथ अन्त्योदय कार्डधारकों को चीनी का भी वितरण 03 नवम्बर, 2021 से प्रारम्भ होने वाले वितरण के प्रथम चक्र के अन्तर्गत किया जायेगा। चीनी वितरण के सम्बन्ध में पोर्टेबिलिटी की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी, अन्त्योदय कार्डधारक अपनी मूल उचित दर दुकान से ही चीनी प्राप्त कर सकेंगे।

दुबे ने बताया कि अन्त्योदय कार्डधारकों को 18 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से अनुमन्य कुल 03 किलोग्राम चीनी का वितरण 03 नवम्बर, 2021 से 15 नवम्बर, 2021 के मध्य सुनिश्चित कराया जायेगा। वितरण की अवधि में अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों से सम्बद्ध यूनिटों पर 05 किग्रा0 गेहूं प्रति यूनिट का निःशुल्क वितरण लाभार्थियों में सुनिश्चित कराया जायेगा। राशन कार्डधारकों को पोर्टेबिलिटी के अन्तर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा अनुमन्य रहेगी।

दुबे ने बताया कि वितरण की अन्तिम तिथि 15 नवम्बर, 2021 होगी। इस दिन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर सकने वाले उपभोक्ताओं हेतु मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से वितरण सम्पन्न किया जा सकेगा। मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से सम्पन्न होने वाले वितरण के समय कार्डधारक से आधार प्रमाणीकरण न होने का कारण तथा उसका/परिवार के किसी अन्य सदस्य का मोबाइल नम्बर संरक्षित किया जाएगा तथा पूर्ति निरीक्षक द्वारा इस मोबाइल नम्बर की पुष्टि सुनिश्चित करते हुए कार्डधारक के उक्त मोबाइल नम्बर को राशनकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम में लाभार्थी के डाटाबेस में फीड कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस मोबाइल नम्बर का प्रयोग मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन हेतु किया जाएगा। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र लाभार्थी खाद्यान्न प्राप्ति से वंचित न रहें।

जनपद स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन समिति में अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी होंगे

उत्तर प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 में संशोधन के फलस्वरूप आवेदनों/परियोजना प्रस्तावों को स्वीकृति एवं धनावंटन हेतु राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति, मण्डल स्तरीय क्रियान्वयन अनुश्रवण समिति, जनपद स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन संबंधी तथा मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति का गठन कर दिया गया है। इस संबंध में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव, श्री सुधीर गर्ग द्वारा आदेश जारी कर दिये गए हैं।

आदेश के अनुसार राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति में अध्यक्ष के रूप में मुख्य सचिव/प्रतिनिधायित अधिकारी, उ0प्र0 शासन, उपाध्यक्ष के रूप में कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 शासन व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, उ0प्र0 शासन तथा संयोजक सचिव के रूप में प्रमुख सचिव दुग्ध विकास विभाग, उ0प्र0 शासन होंगे। सदस्य के रूप में प्रमुख सचिव/सचिव, वित्त विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, नियोजन विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, लघु उद्योग विकास, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, कृषि विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, नगर विकास विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, मत्स्य विकास विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, कृषि विपणन एवं कृषि निर्यात विभाग, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग विकास, उ0प्र0 शासन, प्रमुख सचिव/सचिव, औद्योगिक विकास विभाग, उ0प्र0 शासन, आयुक्त आबकारी, उ0प्र0, दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ0प्र0, लखनऊ, परियोजना समन्वयक, उ0प्र0 कृषि विविधीकरण परियोजना, लखनऊ, निदेशक, उ0प्र0 राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, लखनऊ, महाप्रबंधक, नाबार्ड, निदेशक/डीन, खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी, मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन द्वारा नामित अन्य प्रतिनिधि, निदेशक, केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र (सीएफटीआरआई) मैसूर द्वारा नामित प्रतिनिधि, औद्योगिक संगठनों ;भ्।ण्ब्भ्ण् ।ेेवबींउ - च्भ्क् ब्ींउइमत व िब्वउउमतबम - प्दकनेजतपमेद्ध द्वारा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के नामित एक-एक प्रतिनिधि तथा स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के प्रतिनिधि होंगे।

मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की महत्वपूर्ण शासकीय कार्यों में व्यस्तता होने या उपलब्ध न होने की दशा में मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन द्वारा प्रतिनिधायित अधिकारी के रूप में नामित कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 शासन द्वारा राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की अध्यक्षता की जायेगी। यह कमेटी उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के अंतर्गत परियोजनाओं की स्वीकृति, अनुश्रवण तथा स्वीकृत परियोजनाओं के सापेक्ष धनराशि अवमुक्त करने हेतु राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी (उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018) के रूप में अधिकृत होगी। यह कमेटी की बैठक त्रैमास में कम से कम एक बार आहूत की जायेगी।

मण्डल स्तरीय अनुश्रवण समिति अध्यक्ष के रूप में मण्डलायुक्त तथा सदस्यों के रूप में मण्डल के समस्त जनपदों के जिलाधिकारी, मण्डल के समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, संयुक्त निदेशक, उद्योग, संयुक्त निदेशक, कृषि, पशुपालन विभाग के मण्डलीय अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद एवं लीड बैंक के मण्डल स्तरीय अधिकारी, सम्बन्धित उप दुग्धशाला विकास अधिकारी तथा सदस्य-सचिव के रूप में मण्डलीय दुग्धशाला विकास अधिकारी होंगे।

जनपद स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन समिति में अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी तथा सदस्यों के रूप में मुख्य विकास अधिकारी, उपायुक्त, जिला उद्योग केन्द्र, जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक निदेशक, मत्स्य/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, प्रधानाचार्य राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र/खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी तथा सदस्य-सचिव के रूप में उप दुग्धशाला विकास अधिकारी होंगे।

मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति में अध्यक्ष के रूप में प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास विभाग, उ0प्र शासन, सदस्यों के रूप में प्रमुख सचिव/सचिव, नियोजन विभाग अथवा नामित प्रतिनिधि (पी0एफ0ए0डी0 प्रभाग), अपर दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ0प्र0 लखनऊ, प्रबन्ध निदेशक पिकप अथवा नामित प्रतिनिधि, हेड सी0एफ0टी0आर0आई0 लखनऊ, प्रबन्ध निदेशक, प्रादेशिक कोआपरेटिव डेरी फेडरेशन लि0, लखनऊ, अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ0प्र0, वित्त नियंत्रक, दुग्धशाला विकास, उ0प्र0, लखनऊ, मुख्य दुग्धशाला विकास अधिकारी/दुग्धशाला विकास अधिकारी, मुख्यालय तथा सदस्य-सचिव के रूप में दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ0प्र0, लखनऊ होंगे।

इस समिति के सदस्य सचिव, उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के अन्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों को संकलित कराते हुये समिति के समक्ष मूल्यांकन एवं परीक्षण हेतु प्रस्तुत करेगें। इस समिति प्रस्तावों का मूल्यांकन एवं परीक्षण कर औपचारिकताओं से पूर्ण प्रस्तावों को मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी के समक्ष अपनी संस्तुति सहित प्रस्तुत करेगी। दुग्ध आयुक्त के पदासीन न होने की स्थिति में अपर दुग्ध आयुक्त सदस्य-सचिव के दायित्वों का सम्पादन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश को दुग्ध उद्योग के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करते हुए प्रदेश का सन्तुलित आर्थिक विकास करने, दुग्ध प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार कर अवस्थापना सुविधाओं का विकास, पूॅजी निवेश एवं तकनीकी उन्नयन का प्रोत्साहन, मेक इन यू0पी0 को प्रोत्साहन, नये रोजगार सृजन, अनुसन्धान एवं विकास प्रोत्साहन, गुणवत्ता एवं प्रमाणीकरण प्रोत्साहन तथा समस्त स्टेक होल्डर्स (हितधारक) को अधिकाधिक लाभ दिलाये जाने के उद्देश्य से उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 प्रख्यापित की गयी है।

गाय एवं भैंस विकास डेयरी काम्प्लेक्स की स्थापना हेतु 30 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने गाय एवं भैंस विकास के डेयरी काम्प्लेक्स की स्थापना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष 30 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस संबंध में पशुधन विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है।

शासनादेश के माध्यम से निदेशक प्रशासन एवं विकास, पशुपालन विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत धनराशि का व्यय/उपयोग योजना के अनुमोदित मार्गदर्शक सिद्धान्तों (गाइडलाइन्स) के अनुरूप करते हुए व्यय सहित उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराया जाए।

इन्नोवेटिव पोल्ट्री प्रोडक्टिविटी प्रोजेक्ट फार लो इनपुट टेक्नोलाजी बर्डस योजना के लिए 36.27 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्र पशुधन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत इन्नोवेटिव पोल्ट्री प्रोडक्टिविटी प्रोजेक्ट फार लो इनपुट टेक्नोलाजी बर्डस योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 36.27 लाख रूपये (रूपये छत्तीस लाख सत्ताइस हजार मात्र) स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना के तहत किया जायेगा।

इस संबंध में पशुधन विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के माध्यम से निदेशक प्रशासन एवं विकास, पशुपालन विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का आहरण एवं व्यय भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा एस0सी0एस0पी0/टी0एस0पी0 हेतु निर्धारित मानकों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये। स्वीकृत की जा रही धनराशि का आहरण/व्यय भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाईन्स का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए उपलब्ध धनराशि की सीमान्तर्गत किया जाए।

खरीफ खरीद वर्ष 2021-22 के तहत प्रदेश में खोले गए विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, अब तक 1.02123.21 मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी है। इस योजना से 17755 किसानों को लाभान्वित किया गया है तथा उनके खातों में 60.082 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।

खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 15769.08 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। धान खरीद केन्द्रों पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखते हुए खरीद की जा रही है।

विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 1258 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 1046930 है

 उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में शून्य मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 0.1 मि0मी0 के सापेक्ष शून्य है। इस प्रकार प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान (01 जून, 2021 से 30 सितम्बर, 2021 तक) 748.8 मि0मी0 औसत वर्षा दर्ज की गई। जो सामान्य वर्षा 790.2 मि0मी0 के सापेक्ष 95 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 01 अक्टूबर से लेकर अब तक प्रदेश में कुल औसत वर्षा 89.3 मि0मी0 जो कि सामान्य वर्षा 31.2 मिमी का 286 प्रतिशत है। इस तरह प्रदेश में कुल 838.1 मि0मी0 औसतन वर्षा हुई है। जो अब तक की कुल सामान्य वर्षा 821.4 मि0मी0 का 102 प्रतिशत है। वर्तमान में 14 जनपदों के 1380 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं। आज प्रदेश की सभी नदियॉ खतरे के जलस्तर से नीचे बह रही हैं। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 72 टीमें तैनाती की गयी है, 10285 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 1549 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एनडीआर0एफ0, एसडीआरएफ द्वारा 100492 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 412505 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 1302869 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 1203 बाढ़ शरणालय तथा 1329 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में स्थापित किए गए पशु शिविर की संख्या 23 अब तक कुल 2342 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 1258 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 1046930 है।

जनपद लखनऊ में निर्माणाधीन ममता राजकीय मानसिक मंदित विद्यालय 

प्रदेश सरकार ने जनपद लखनऊ में निर्माणाधीन ममता राजकीय मानसिक मंदित विद्यालय (बालिका) के निर्माण कार्य हेतु 69.62 लाख रूपये मंजूर किये हैं। यह धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में चतुर्थ किश्त के रूप में मंजूर करते हुए व्यय की स्वीकृति सहित निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, विभाग को उपलब्ध करा दी गई है। 

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये है। आदेशानुसार इस धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकता व नियमानुसार किये जाने का पूर्ण दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं कार्यदायी संस्था का होगा। स्वीकृत धनराशि के आहरण एवं व्यय में वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत प्राविधानों, शासनादेशों/आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

जनपद चित्रकूट में निर्माणाधीन नवीन मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र हेतु एक करोड़ रूपये मंजूर

प्रदेश सरकार ने जनपद चित्रकूट में निर्माणाधीन नवीन मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र (आवासीय) के निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ रूपये मंजूर किये है। यह धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में तृतीय किश्त के रूप में मंजूर करते हुए व्यय की स्वीकृति सहित निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, विभाग को उपलब्ध करा दी गई है। 

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेशानुसार इस धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकता व नियमानुसार किये जाने का पूर्ण दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं कार्यदायी संस्था का होगा। स्वीकृत धनराशि के आहरण एवं व्यय में वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों, समय-समय पर निर्गत शासनादेशों/आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

जीएसटी पंजीकरण के लिए 08 नवंबर से चलेगा विशेष अभियान

कमिश्नर वाणिज्य कर, उत्तर प्रदेश श्रीमती मिनिस्ती एस ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के व्यापारियों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से अभियान चलाकर जीएसटी पंजीकरण के योग्य/इच्छुक व्यापारियों का जीएसटी में पंजीकरण कराया जायेगा। वाणिज्य कर विभाग उत्तर प्रदेश, जीएसटी के प्रति व्यापारियों को जागरूक करने और इसके तहत उनके पंजीकरण कराने के उद्देश्य से आगामी 08 नवंबर से प्रदेशव्यापी अभियान चलाएगा। प्रदेश में जीएसटी के तहत 25 लाख व्यापारियों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है।

कमिश्नर वाणिज्य कर ने बताया कि जीएसटी पंजीकरण कराए जाने के निर्देश के क्रम में विभाग द्वारा व्यापारियों के पंजीकरण को गति प्रदान करने के लिए एक नया फील्ड विजिट ऐप ‘‘यूपी जीएसटी फील्ड विजिट ऐप‘‘ विकसित किया गया है जो वर्तमान में प्रचलित अभ्युत्थान ऐप को प्रतिस्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इस ऐप के बारे में समस्त विभागीय अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। 

वाणिज्य कर आयुक्त ने समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सेमिनार व कैंप के माध्यम से जीएसटी में पंजीयन के लाभ व मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के लाभ से अवगत कराते हुए यूपीजीएसटी फील्ड विजिट ऐप के माध्यम से सर्वेक्षण कार्य करा कर प्रत्येक दशा में वित्तीय वर्ष के अन्त तक प्रदेश के सभी जीएसटी में पंजीयन योग्य अपंजीकृत व्यापारियों का शतप्रतिशत पंजीयन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मिनिस्ती एस ने निर्देश दिया है कि ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक) जनपद/अधिक्षेत्र में तैनात मनोरंजन कर निरीक्षकों से मनोरंजन कर सेवा प्रदाता व्यापारियों एवं सेवा क्षेत्र के व्यापारियों का सर्वेक्षण कराकर जीएसटी में पंजीयन योग्य/इच्छुक व्यापारियों का शतप्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित कराएं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि निर्दिष्ट कार्यवाही नियमित ऑनलाइन अपलोड की जाए। प्रत्येक मंगलवार राजस्व संग्रह लक्ष्य पूर्ति एवं अन्य प्रसंगों के साथ पंजीकरण अभियान की प्रगति की नियमित समीक्षा भी की जाए।

प्रदेश की 05 सहकारी चीनी मिल राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार से सम्मानित

प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के सहकारी चीनी उद्योग को मजबूती प्रदान करने के आदेशों के क्रम में मंत्री, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सुरेश राणा के निर्देशानुसार शासन द्वारा सहकारी चीनी मिलों के प्रबन्धन में सुधार कर उनकी कार्यक्षमता में सुधार एवं आधुनिकीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। शासन के  मार्गदर्शन में प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों की कार्यप्रणाली में बेहतर प्रबंधन के कारण निरन्तर सुधार परिलक्षित हो रहा है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 24 तथा देश में कुल 161 सहकारी चीनी मिलें संचालित है। अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रथम बार वर्ष 2019-20 हेतु प्रदेश की 05 एवं द्वितीय बार वर्ष 2020-21 हेतु 04 सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लि., नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिये चयनित किया गया।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विगत वर्ष में शासन स्तर से सहकारी चीनी मिलों की दक्षता बढ़ाने तथा कार्यप्रणाली में सुधार लाने हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं और इनमें विद्युत एवं यांत्रिकी ब्रेकडाउन कम करने हेतु शासन स्तर से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये है तथा चीनी मिलों के निर्बाध संचालन हेतु स्टेशनवाइज ऑफ सीजन में कराये जाने वाले कार्यों, संचालन संबंधी निर्देश, सावधानियां एवं सामान्य निर्देशों का विस्तृत मैनुअल जारी किया गया है साथ ही नई चीनी मिल परियोजनाओं हेतु भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये है। इन प्रयासों के कारण चीनी मिलों की कार्यक्षमता में सुधार हुआ है तथा प्रदेश के इतिहास में प्रथम बार प्रदेश की 05 एवं द्वितीय बार 04 सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। किसान सहकारी चीनी मिल पुवायां (शाहजहांपुर) को अधिकतम चीनी परता, तिलहर (शाहजहांपुर) चीनी मिल को गन्ना विकास, सठियावं (आजमगढ़) चीनी मिलों को तकनीकी दक्षता तथा रमाला (बागपत) चीनी मिल को अधिकतम गन्ना पेराई एवं गजरौला चीनी मिल को अधिकतम चीनी परता हेतु राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है साथ ही किसान सहकारी चीनी मिल स्नेहरोड (बिजनौर) को देश की सभी 161 सहकारी चीनी मिलों में सर्वोत्तम सहकारी चीनी मिल हेतु चयनित किया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि रमाला (बागपत) चीनी मिल की पेराई क्षमता 2750  टी.सी.डी. से बढ़ाकर 5000 टी.सी.डी. की गई तथा 27 मेगावाट कोजन प्लांट की स्थापना की गयी। उक्त परियोजनाओं का लोकार्पण 04 नवम्बर, 2019 को मा. मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया तथा परियोजनाओं की स्थापना के पश्चात प्रथम बार पेराई सत्र 2019-20 में ही 83 लाख कुंतल गन्ने की पेराई कर रमाला (बागपत) चीनी मिल ने राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार हेतु चयनित होने का गौरव प्राप्त किया तथा उत्कृष्ट गुणवत्ता होने के कारण वर्ष 2020-21 में भी लगातार दोबारा राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार हेतु चयनित किया गया, साथ ही उन्होंने बताया कि स्नेहरोड (बिजनौर) चीनी मिल को लगातार 03 वर्षों से देश की सर्वोत्तम सहकारी चीनी मिल हेतु चयनित होने का गौरव प्राप्त हो रहा है।

वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 हेतु सहकारी चीनी मिलों को प्राप्त होने वाले राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार का वितरण 16 नवम्बर, 2021 को राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लि., नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में चीनी मिलों को प्रदान किया जायेगा।

जनपद मिर्जापुर में नुनौती नहर पर आरसीसी पाइप लाइन बिछाने व अन्य कार्यों हेतु 150 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद मिर्जापुर में नुनौती बांयी नहर के कुछ किमी0 तक आरसीसी पाइप लाइन बिछाने तथा शोभऊ माइनर के किनारों के सुदृढ़ीकरण की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 1000 लाख रुपये में से 150 लाख रूपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 02 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये। 

इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।

जरगों नहर प्रणाली के नहरों हेतु 188.16 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जरगों नहर प्रणाली के नहरों के पुनर्स्थापना कार्य की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 188.16 लाख रुपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 02 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये।

इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।

शारदा सहायक खण्ड-23 के आजमगढ़, जौनपुर एवं गाजीपुर में क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत हेतु 28.10 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा शारदा सहायक खण्ड-23, आजमगढ़ कार्य क्षेत्र जनपद आजमगढ़, जौनपुर एवं गाजीपुर में क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 25000 लाख रुपये में से 38.10 लाख रूपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 02 नवम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये। इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।

समय से कार्य प्रारम्भ न होने और बजट की धनराशि लैप्स होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध दण्ड शुल्क अधिरोपित करते हुये ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की जायेगी 

उत्तर प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 463 करोड़ रूपये की लागत के निर्माण कार्यों हेतु नामित कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की समीक्षा की। निर्माण कार्यो के सम्बन्ध में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट संतोषजनक न पाये जाने पर विधायी एवं न्याय मंत्री ने कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि न्याय विभाग द्वारा जिन संस्थाओं को निर्माण कार्यों के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है, उन सभी कार्यों को तत्काल शुरू किया जाए। साथ ही कार्य प्रारम्भ के सम्बन्ध में साक्ष्य सहित एक सप्ताह में न्याय विभाग को लिखित रूप में सूचित किया जाए तथा कार्य को पूर्ण करने की समय सीमा से भी अवगत कराया जाए। 

पाठक ने कहा कि जिस कार्यदायी संस्था द्वारा समय से कार्य शुरू करके उसे पूर्ण नहीं किया गया और उसकी लापरवाही से आवंटित बजट की धनराशि लैप्स हुई, तो उसके विरूद्ध पेनाल्टी अधिरोपित करते हुये ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन संस्थाओं ने धनराशि आवंटित होने के बावजूद कार्य शुरू नहीं किया है, उनका स्पष्टीकरण लिखित रूप में प्राप्त कर न्याय विभाग को एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जाए। समीक्षा बैठक में जिन कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित नहीं हुए श्री पाठक ने उनके विरूद्ध नोटिस जारी करके उनका स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर विधायी एवं न्याय मंत्री ने बैठक में उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं को धनतेरस, दीपावली एवं भाई दूज की शुभकामनाएं दी। 

प्रमुख सचिव, न्याय श्री प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने मा0 मंत्री को आश्वस्त किया कि निर्माण कार्यों में जहॉं जहॉं जो भी कठिनाईयां सामने आ रही हैं, शासन स्तर से समयान्तर्गत उनका समाधान कर दिया जायेगा। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि कार्य की तात्कालिकता के दृष्टिगत किसी भी स्तर पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं मानकों के साथ कोई समझौता न किया जाए। 

बैठक में न्याय विभाग के विशेष सचिव श्री अजय कुमार शाही तथा अन्य विभागों के सम्बंधित अधिकारियों में, श्री जे0के0 बांगा, मुख्य अभियंता (भवन), लोक निर्माण विभाग, श्री कमला शंकर, महाप्रबंधक, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम, श्री अमित कुमार सोनकर, महाप्रबंधक, सी0एण्डडी0एस0, श्री वी0बी0 सिंह, निदेशक, उ0प्र0 आवास विकास परिषद, श्री वीरेन्द्र सिंह आर्या, महाप्रबंधक, उ0प्र0 प्रोजेक्ट कार्पोरेशन एवं श्री धीरेन्द्र सिंह, महाप्रबंधक, उ0प्र0राजकीय निर्माण निगम सहकारी संघ (यूपीआरएनएनएस) उपस्थित थे।