वसुंधरा सेक्टर 15 में रखी अस्थायी लोहे की दुकानों पर भ्रष्टाचारियों की नजर


आवंटित होने से पहले दुकानों पर भ्रष्टाचारियों की नजर
वसुंधरा  एक माह पहले ग्रीन बेल्ट को खत्म कर उस पर अस्थायी लोहे की दुकान रखने की तैयारी शुरू की गई. वसुंधरा सेक्टर 15 में रखी अस्थायी लोहे की दुकानों पर भ्रष्टाचारियों की नजर है। संपन्न लोग अर्थिक रूप से कमजोर वेंडरों को पैसे देकर उनके जरिये दुकान खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वह लगातार अफसरों से सांठगांठ कर रहे हैं। वसुंधरा के लोग ग्रीन बेल्ट पर दुकान बनाने का विरोध कर रहे हैं। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने इस संबंध में बुधवार को बैठक की। सेक्टर 15 में हरी-भरी ग्रीन बेल्ट थी। निगम ने ग्रीन बेल्ट की सुरक्षा के लिए तारबंदी कर रखी थी।। कई पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया गया। वसुंधरा में बड़ी संख्या में ठेली-पटरी वाले फुटपाथ पर दुकान लगाते हैं। निगम ने ठेला-पटरी वालों को अस्थायी दुकान मुहैया कराने के लिए ग्रीन बेल्ट पर टाइल्स लगाकर उस पर 68 दुकानें खड़ी कर दी गई हैं। ग्रीन बेल्ट पर वेंडिग जोन बनाने का लोग पहले से ही विरोध कर रहे हैं। लोगों ने धरना-प्रदर्शन भी किया था। वसुंधरा के लोग डीएम से इसकी शिकायत करने गए थे। डीएम ने लोगों को दुकानों को हटाने का आश्वासन दिया था।

आरडब्ल्यू ने की जांच की मांग : वसुंधरा के सेक्टर 15, 16, 17, 18 व 19 के आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने बुधवार को बैठक की। बैठक में लोगों ने कहा कि उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत की थी लेकिन अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसमें निगम और डूडा के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है। इसकी जांच होनी चाहिए। कुछ धनाड्य लोगों को ये दुकानें 1.5 लाख से लेकर तीन व पांच लाख रुपये तक में बेची जा रही हैं। वह इस मामले को एनजीटी में लेकर जाएंगे। बैठक में अमित किशोर, भगवत प्रसाद, अशोक अवस्थी, सुनील शर्मा, उमेश कुमार, गौतम रावत, अरुण कुमार सिंह, राजेंद्र सिंह बिष्ट, बीसी लोहानी, संदीप गुप्ता, हरीश कुमार वशिष्ठ, सुनील पठानिया आदि मौजदू रहे।

ये दुकानें अमीर के नहीं, वेंडरों के लिए बनाई गई हैं। मानक के अनुसार ही दुकानों का आवंटन होगा। दुकानों के आवंटन शुरू होने के बारे में जानकारी नहीं है।

- संजय कुमार पथरिया, परियोजना अधिकारी, डूडा