बिना पर्याप्त संसाधनों के चल रहे 132 नर्सिग होम कभी भी बंद हो सकते हैं

 


जिले के 132 नर्सिंग होम पर लग सकता है ताला
शासन स्तर से क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन) अधिनियम 2010 को लागू करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने 30 से अधिक बेड वाले ऐसे नर्सिग होम की सूची बना ली है। इनमें प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ का अभाव है। अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं भी नहीं है। पंजीकरण कराने के बाद मरीजों को सुविधाएं न होने का बहाना बताकर ये नर्सिग होम संचालक भर्ती नहीं करते हैं
गाजियाबाद. जिले में बिना पर्याप्त संसाधनों के चल रहे 132 नर्सिग होम कभी भी बंद हो सकते हैं।  इसके दायरे में 241 लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर भी आ रहे हैं। इस अधिनियम के लागू होने के साथ ही कोई भी नर्सिग होम अब मरीज का इलाज करने से इन्कार नहीं कर सकेंगे। निजी अस्पतालों में मूलभूत संसाधन, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती राष्ट्रीय परिषद द्वारा तय मानकों के अनुसार ही होगी। मानक के अनुसार बिल्डिंग बनानी होगी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) भी लगाना होगा। बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण बनेगा। वर्तमान में सीएमओ स्तर से पंजीकरण होता है। बाक्स.. निजी अस्पतालों का विवरण -270 है जिले में पंजीकृत निजी अस्पतालों की संख्या।

-650 पंजीकृत निजी क्लीनिक हैं।

-30 बेड से अधिक बेड वाले नर्सिग होम की संख्या 132 है।

-241 पंजीकृत लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर है।

-84 नर्सिग होम में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं है।

क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन) अधिनियम-2010 को लागू करने को लेकर आइएमए की आपातकालीन बैठक बृहस्पतिवार को बुलाई गई। तय हुआ है कि जल्द ही शासन एवं प्रशासन स्तर पर इस संबंध में वार्ता होगी। जिन नर्सिग होम में संसाधनों का अभाव है, उनमें संसाधन उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी होंगे।

-डा.आरके गर्ग, अध्यक्ष, आइएमए गाजियाबाद

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन) अधिनियम-2010 को लागू करने संबंधी आदेश की प्रतिलिपि मिल गई है। पुराना पंजीकरण 31 मार्च, 2022 तक मान्य होगा और 15 दिसंबर से नए अधिनियम के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। अधिनियम के दायरे में आने वाले नर्सिग होम की सूची बनाते हुए स्थलीय जांच एवं सर्वे की तैयारी है।

-डा.सुनील त्यागी, एसीएमओ एवं नोडल पंजीकरण