
इसी दिन होती है भगवान धनवंतरि की पूजाः मिट्टी के हाथी और भगवान धनवंतरि की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर परिवार के साथ पूजन करना चाहिए। दीप, धूप, इत्र, पुष्प, गंगा जल, अक्षत, रोली से भगवान का आह्वान करना चाहिए। आचार्य एसएस नागपाल बताया कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि अमृत के साथ प्रकट हुए थे। इस दिन भगवान से निरोग रखने की प्रार्थना करनी चाहिए। चिकित्सक भी भगवान धनवंतरि की पूजा-अर्चना कर समाज को रोग मुक्त करने की शक्ति देने की कामना करते हैं। दो नवंबर को शाम 6 :05 से शाम 7 :58 तक है पूजन का शुभ मुहूर्त है।
अभिजीत मुहूर्तः सुबह 11:27 से 12:12 तक, गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:12 से 5:36 तक, प्रदोष काल- शाम 5:23 से 07:58 तक व वृषभ काल शाम 6:05 से रात 8:01 बजे तक है।
ऋण मोचन योग दिलाएगा कर्ज से मुक्तिः मंगलवार को धनत्रयोदशी मंगलकारक होगी। इसके चलते इस दिन ऋणमोचन का विशेष योग है। धनतेरस के दिन इस बार ऋण मोचन योग होने के चलते लंबे समय से कर्ज न चुका पाने वाले लोग ऋण चुका सकते हैं। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि धनतेरस के दिन न तो उधार देना चाहिए और न ही उधर देना चाहिए। शाम को पूजन के बाद बाद ऋण चुकाना शुरू करेंगे तो अगली धनतेरस तक ऋण से मुक्ति मिल जाएगी।
आकर्षित कर रहीं प्रतिमाएंः दीपावली के दिन मां लक्ष्मी का विधि विधान से आह्वान करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है। श्री गणेश लक्ष्मी की पूजा के लिए धनतेरस के दिन ही प्रतिमा खरीदी जाती है। हर बाजार में सड़क के किनारे प्रतिमाएं सज गई हैं। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि श्री गणेश के दाहिने मां लक्ष्मी को स्थापित कर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। ऐसे में प्रतिमाओं को खरीदते समय इसका विशेष ध्यान रखें। मां को नए वस्त्र धारण करने के साथ ही फूल, फल व मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए।
कब क्या होगा
- दो नवंबर धनतेरस
- तीन नवंबर नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली
- चार नवंबर दीपावली
- पांच नवंबर गोवर्धन पूजा