जिस मां-बाप ने अपने बच्चों को काबिल बनाने के लिए जीवनभर की कमाई न्यौछावर कर दी। खुद टूटे-फूटे घर में रहे, लेकिन उन्हें उनके सपनों का आशियाना बनाकर दिया। आज वही मां-बाप बुढ़ापे में वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं।
एक अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बुजुर्गों का सम्मान करना, उनके बारे में चिंतन करना और उनकी मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखना है। लेकिन अपने बुजुर्ग मां-बाप, दादा-दादी को सिर्फ एक दिन देना काफी नहीं है। हमें रोजाना उनका ख्याल ऐसे रखना होगा, जैसे वह हमारा ख्याल बचपन में रखते थे। हालांकि, लोग इसके बिल्कुल उलट करने में लगे हैं। गाजियाबाद में देखें तो लावारिस बुजुर्गों के लिए चार वृद्धाश्रम बनाए गए हैं, जिनमें करीब करीब 146 बुजुर्ग रह रहे हैं। अकेले दुहाई स्थित राजकीय वद्धाश्राम में 85 बुजुर्ग रह रहे हैं। इनमें से 90 फीसदी बुजुर्ग मां-बाप ऐसे हैं, जिनके बेटे-बेटियां सरकारी नौकरी करने के अलावा विदेश में भी रह रहे हैं। बावजूद इसके वह ऐसा जीवन जीने को मजबूर हैं।
छह साल से आश्रम में बीता रहे जीवन
आश्रम में रह रहे हापुड़ के एक गांव के मूल निवासी एक बुजुर्ग ने जब अपने बारे में बताना शुरू किया तो वह अपनी आंखों को नम होने से रोक नहीं पाए। उन्होंने बताया कि 67 की उम्र तक खेती करके जो कमाया वह बेटे के सपने को पूरा करने में लगा दिया। उसे अच्छे स्कूल में पढ़ा-लिखाकर नौकरी की तैयारी कराई, जिसके बाद बेटे की नौकरी आर्मी में लग गई। नौकरी के दो साल बाद ही बेटे ने अपनी मर्जी से शादी कर ली। शादी के कुछ दिन बाद ही घर में लड़ाई-झगड़ा होने लगा, जिसके बाद एक दिन बेटे ने ही पिता को घर से निकाल दिया। घर होने के बावजूद पिछले छह साल से वह आश्रम में रहकर ही अपना जीवन जी रहे हैं।
जन्मदिन पर आते पर घर नहीं ले जाते
लोहिया नगर की रहने वालीं पेशे से सरकारी शिक्षक रहीं 70 वर्षीय बुजुर्ग भी अपने जीवन की दुख भरी दास्तां सुनाती हुई रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि हर साल बेटे-बहु और पोता-पोती मेरा जन्मदिन आश्रम में आकर मनाते हैं। मोमबत्ती जलाकर केक भी काटा जाता है, लेकिन कभी भी घर चलने के लिए नहीं कहते। वह खुद की किस्मत को कोसती हुई कहती हैं कि शिक्षक होने के कारण बेटों को शिक्षा भी खुद ही दी। फिर न जाने शिक्षा और संस्कारों में कहां कमी रह गई। पिछले जन्मदिन पर 15 वर्षीय पोती ने अपने-माता पिता से पूछा था कि दादी आश्रम में क्यों रहती हैं। इस पर उन्होंने उसे डांटा और जवाब नहीं दे पाए।