
मुरादनगर: अधिकारियों ने सलेक भैया को रिहा कराने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को किसी तरह शांत किया. डंपिग ग्राउंड का विरोध करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने गुरुवार की रात को नामजद सलेक भैया को मकरेडा में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही यह जानकारी ग्रामीणों को लगी उन्होंने रात को ही थाने पर हंगामा किया। गुरुवार को दिन निकलते ही वे कलेक्ट्रेट पहुंच गए। वहां अधिकारियों ने सलेक भैया को रिहा कराने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को किसी तरह शांत किया। चार दिन पहले नगर निगम के अधिकारी महमूदाबाद गांव के खेतों में चिह्नित की गई जगह पर डंपिग ग्राउंड के निर्माण को लेकर गड्ढा खोदाई कराने के लिए गए थे। इसी दौरान मकरेडा गांव के सलेक भैया की अगुवाई में ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इस मामले में नगर निगम की ओर से सलेक भैया समेत 50 के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने की धाराओें में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस गुरुवार की रात को मकरेडा गांव पहुंची और सलेक भैया को गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही यह बात उनके स्वजन के माध्यम से ग्रामीणों को पता लगी तो वे थाने पहुंच गए। वहां पता चला कि थाने पर हंगामा होने की आशंका के चलते पुलिस ने सलेक भैया को किसी दूसरे थाने में रखा है। शुक्रवार को पुलिस लिखा पढ़ी करके उनको कोर्ट में ले गई। इसी दौरान बड़ी तादाद में ग्रामीण गाजियाबाद कलेक्ट्रेट पहुंच गए। उन्होंने सलेक भैया को रिहा करने की मांग की। डीएम के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने एडीएम ऋतु सुहास समेत कई अधीनस्थों को ग्रामीणों से बात करने के लिए भेजा। ग्रामीणों ने अधिकारियों को साफ कह दिया कि जब तक सलेक भैया को रिहा नहीं किया जाएगा, वे वहां से जाने वाले नहीं हैं। ग्रामीणों की संख्या लगातार बढ़ती देख अधिकारियों ने मुरादनगर पुलिस से बात कर सलेक भैया को कोर्ट में पेश कराने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया और बाहर से उनको रिहा कर दिया। ग्रामीणों को अधिकारियों ने आश्वास्त किया कि नगर निगम द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट को खत्म कराया जाएगा। साथ ही बिना किसानों की मर्जी के डंपिग ग्राउंड नहीं बनाया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण अपने अपने घरों को लौटे।
एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास ने बताया कि किसान संघर्ष समिति के लोग मिलने आए थे। वह एक किसान की गिरफ्तारी के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने की बात कह रहे थे। उनकी बात सुनकर पुलिस अधिकारियों से बात की गई। स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए गए कि इस मामले में किसी का बेवजह उत्पीड़न न किया जाए। मामले में बैठकर हल कराया जाए। वहीं इस बारे में एसपी देहात डा. ईरज राजा का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज होने के आधार पर गिरफ्तारी की गई थी। कानून व्यवस्था नियंत्रण में थी इसलिए किसान को थाने से ही जमानत दे दी गई।