नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने एक रेस्तरां की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से दाखिल जवाब पर नाखुशी जताई है. याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वह दिल्ली सरकार और पुलिस से हर्बल हुक्का (Herbal Hukkah) की बिक्री की अनुमति देने का निर्देश दे. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा प्रतिबंध पर पुनर्विचार को लेकर हलफनामे में चुप्पी साधी गई है.
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि 17 सितंबर को उसने दिल्ली सरकार को विशेष निर्देश दिया था कि वह दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से कहे कि वह कोविड-19 (Covid19) के प्रसार के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों पर हर्बल हुक्का पीने पर रोक संबंधी 3 अगस्त 2020 के आदेश पर दोबारा विचार करे. हालांकि अधिकारी इस संबंध में जानकारी सूचित करने में असफल रहे.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह हलफनामा दाखिल कर बताए कि कोविड-19 महामारी के हालात में बदलाव की पृष्ठभूमि में क्यों नहीं पिछले साल के आदेश पर पुनर्विचार किया गया. जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार ने हलफनामा दाखिल कर फ्लेवर हुक्का की बिक्री की अनुमति नहीं देने के फैसले को न्यायोचित ठहराने की कोशिश की है, लेकिन इस बात की सुगबुगाहट तक नहीं है क्या डीडीएमए द्वारा फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा या नहीं?
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार को एक हफ्ते का समय हलफनामा दाखिल करने के लिए दिया जिसमें खासतौर पर जानकारी हो कि क्या डीडीएमए ने अगस्त 2020 के फैसले पर पुनर्विचार किया है. आदेश को जारी रखने की वजह क्या है? कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि डीडीएमए कम से कम अपने दिमाग का इस्तेमाल करे.