जहां पहली बार मिले थे रावण-मंदोदरी; वहीं जलेगा रावण, रामलीला की भी खास तैयारी


मेरठ. रावण का सुसराल कहे जाने वाले मेऱठ (Meerut) में इस बार बेहद हाईटेक रामलीला (Ramlila) का आयोजन किया जा रहा है. ख़ास बात ये है कि ये रामलीला उसी स्थान पर होगी जहां के बारे में मान्यता है कि कभी रावण और मंदोदरी इसी स्थान पर मिले थे. मान्यता है कि पहले इस स्थान पर तालाब हुआ करता था. जहां मंदोदरी आया करती थीं. फिर कुछ ही दूरी पर स्थित बिल्लेश्वर नाथ महादेव मंदिर में वो पूजन अर्चन के लिए आय़ा करती थीं. रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन गर्ग का कहना है कि इस बार एक सौ बीस फीट का रावण तैयार किया जा रहा है. रावण का दहन तो हाईटेक तरीके से होगा ही रामलीला के मंचन में भी इंटरनेशनल कलाकार शिरकत करेंगे.

भैंसाली मैदान में आगामी छह अक्टूबर से रामलीला का मंचन शुरु हो जाएगा. इस बार रावण कुम्भकर्ण मेघनाद के साथा साथ कोरोना का भी दहन होगा. रावण का पुतला बनाने वाले कारीगर का कहना है कि इस बार रावण ऐसे अट्टहास करता नज़र आएगा जो शायद ही इससे पहले कहीं हुआ होगा. रावण का पुतला बनाने वाले कारीगर पिछले चालीस साल से इसी रामकाज में जुटे हुए हैं. रावण का पुतला बनाने वाले असलम भाई का कहना है कि जब तक सांस में सांस है वो रामकाज में जुटे रहेंगे.

मुख्यमंत्री ने भी रामलीला के मंचन को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री की इस पहल का रामलीला कमेटी के लोग स्वागत करते नज़र आ रहे हैं. मेरठ में यूं तो हर वर्ष कुछ ख़ास अंदाज़ में रामलीला और रावण दहन का कार्यक्रम होता है, लेकिन इस बार हाईटेक तैयारी है.