नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों (Teachers) द्वारा लिए गए मातृत्व या किसी अन्य अवकाश को उनके कार्य दिवसों के रूप में नहीं गिना जाएगा. इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है. शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) के स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के लिए कार्य दिवसों की गणना के संबंध में विभिन्न मंचों पर उठाए गए प्रश्नों के जवाब में स्पष्टीकरण जारी किया गया है.
डीओई के आदेश में कहा गया है, ’’यदि कोई अतिथि शिक्षक मातृत्व अवकाश या किसी अन्य प्रकार की छुट्टी पर है, तो ऐसे अवकाश को उनके कार्य दिवसों की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा.’’ आदेश में कहा गया है, ’’यदि कोई अतिथि शिक्षक किसी भी प्रकार की आधिकारिक सरकारी ड्यूटी जैसे चुनाव ड्यूटी, बीएलओ ड्यूटी, कोविड ड्यूटी आदि पर है, तो इन दिनों को उनके कार्य दिवसों में गिना जाएगा.’’ विभाग ने कहा कि अगर गर्मी और सर्दी की छुट्टियों के दौरान किसी अतिथि शिक्षक को उनके स्कूलों के प्रमुखों द्वारा किसी आधिकारिक ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है, तो उन दिनों को भी कार्य अनुभव प्रमाण पत्र में शामिल किया जाएगा.
काम से हज़ारों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं
वहीं, बीते 5 सितंबर को दिल्ली सरकार द्वारा त्यागराज स्टेडियम में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में 122 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. शिक्षकों को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा सचिव एच. राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा और शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया था. इस समारोह के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं. वे अपने काम से हज़ारों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं.