लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने जगह-जगह किया चक्का जाम, हरियाणा रोडवेज सेवाएं बंद, कई यात्री रास्ते में फंसे

 


केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं आज हरियाणा के करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया है। जिसके बाद नाराज किसनों की ओर से प्रदेश के कई हिस्सों में हाइवे को जाम कर दिया गया। खबरों के अनुसार करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर पूरा विवाद हुआ। जिसके बाद किसानों की तरफ से नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर जाम लगा दिया है।

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने पंचकूला में चंडीमंदिर टोल प्लाजा के पास पंचकूला-शिमला हाईवे को जाम कर दिया। गोहाना के भेंसवान चौक पर रोहतक-पानीपत नेशनल हाइवे को जाम कर दिया है।सैकड़ों वाहन जाम में फंसे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों को जाम लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

 हरियाणा रोडवेज बंद 

किसानों ने चंडीमंदिर टोल प्लाजा के पास दोनों तरफ से वाहनों को रोका हुआ है। हिमाचल, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा जाने वाले कई लोग प्रभावित हो रहे हैं। गोहाना से सोनीपत, दिल्ली, रोहतक, महम और जींद जाने वाली बसों को बंद कर दिया गया है। वहीं बस यात्री बीच रास्ते में फंस गए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।  

खट्टर बोले शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने पर कोई आपत्ति नहीं थी

 करनाल में पुलिस द्वारा किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अगर उन्हें(किसान) प्रदर्शन करना था तो वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते उसपर कोई आपत्ति नहीं थी। बातचीत करके बताएंगे कि किसकी ज्यादती है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन में वे(किसान) पुलिस पर पत्थर मारते हैं और हाईवे को जाम करते हैं तो क़ानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को भी कुछ काम करना होगा। पुलिस की ज्यादती है तो दंडित किया जाएगा और किसानों की ज्यादती है तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। 

पुलिस बोली- प्रदर्शनकारियों ने फेंके पत्थर

हरियाणा के एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क का कहना है कि करनाल में बस्तारा टोल प्लाजा के पास 12 बजे कुछ किसान प्रदर्शनकारियों ने ज़बरदस्ती राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर करनाल शहर की तरफ़ जाने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें जाने से रोका तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पत्थर फेंके। उसके बाद नियमानुसार पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और उन्हें वहां से हटाया। इसमें 4 किसान और 10 पुलिसकर्मियों को चोट आई हैं।