किसान की उपज की कीमत तय करने का अधिकार सरकार के पास

भारत में सभी शिक्षित एवं अशिक्षित नौजवानों को रोजगार मिल गया है, भ्रष्टाचार ख़त्म हो गया, अच्छी शिक्षा व् चिकित्सा नीति लागू है, बेटियों के साथ होने वाले अत्याचार और उनका शोषण समाप्त हो गया है, सबको सस्ता, सुलभ, उचित और शीघ्र न्याय मिल रहा है, ईमानदारों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जा रहा है, उधोगपतियों को उत्पादक वस्तुओं की कीमत तय करने का अधिकार है जबकि किसान की उपज की कीमत तय करने का अधिकार सरकार के पास है। शराब की दुकान, हाईवे, एक्सप्रेसवे, टोल प्लाजा, रैपिड ट्रैन, मजदूर सप्लाई का ठेका अमीर को मिल रहा है। ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर, विधायक, सांसद का चुनाव अमीर लड़ सकता है, ज्यादा मुँह खोलने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो जाता है, निर्दोषिओं को जेल और दोषी खुले घूम रहे हैं। जिन्होंने कुछ नही देखा वे देश की जनता की संपत्ति को कुछ चुनिन्दा अपने लोगों को बेच रहे हैं। झूठ पर झूठ बोला जा रहा है, टोल प्लाजा, प्राइवेट अस्पतालों पर गुन्डों (बाउंसरों) को पनाह दी जा रही है,  अपने आपराधिक मुकदमो और अपने लोगों के मुकदमों को वापस लिया जा रहा है, और आप क्या चाहते हैं, अब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। इसलिये भारत की मीडिया के पास अपने देश की खबर के लिए कोई खबर नहीं मजबूरन तालिबानियों की खबर दिखानी पड़ रही है।