
देश और दुनिया में तमाम वैक्सीनेशन पूरी रफ्तार से चल रही है। मसल्स में दी जाने वाली इस वैक्सीन के तमाम रूप-रूवरूप के बावजूद संक्रमण रुक नहीं रहा है। इस बीच नाक के रास्ते दी जाने वाली नेजल वैक्सीनों ने एक नई उम्मीद जगाई है। पूरी दुनिया में नाक से दी जाने वाली तमाम वैक्सीनों पर ट्रायल चल रहा है। दावा किया जा रहा है यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण होंगी। वजह, यह वैक्सीन नाक के रास्ते से दी जाती है, जो वायरस के अंदर जाने का सबसे अहम रास्ता है। ऐसे में एक्सपर्ट नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन को एक गेमचेंजर की तरह देख रहे हैं।
दुनिया भर में सात नेजल वैक्सीन का ट्रायल
इस समय पूरी दुनिया में नाक के रास्ते दी जाने वाली सात वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। इनमें से एक भारत बायोटेक की दवा भी एक है। जो अन्य नेजल वैक्सीन ट्रायल में हैं वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, अल्टीम्यून, हांगकांग यूनिवर्सिटी, मीसा वैक्सीन्स, कोडाजेनिक्स और क्यूबा जेनेटिक इंजीनियिरिंग और बायोटेक्नोलॉजी सेंटर की हैं। भारत बायोटेक द्वारा की जा रही नेजल वैक्सीन के बारे में हाल ही में कंपनी के डॉक्टर राचेज इल्ला ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन शायद हमें उन समस्याओं से छुटकारा दिलाएगी जो मसल्स में दी जाने वाली वैक्सीन में आ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक नाक से दी जाने वाली वैक्सीन मानव शरीर में सभी तीन तरह के रिस्पांस पैदा करती है। वहीं मसल्स के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन इंफेक्शन को बॉडी में प्रवेश करने से नहीं रोकती है। भारत बायोटेक के फाउंटर कृष्णा इल्ला के मुताबिक कंपनी अगले दो से ढाई महीनों में नेजल वैक्सीन को लेकर कुछ सकारात्मक परिणामों की उम्मीद कर रही है।