वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के लॉन्च पर कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत यह समझे कि हमारी संपत्ति का अधिकतम लाभ उठाने का समय आ गया है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) ने वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक 4 साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्ति के माध्यम से 6 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया है। सीतारमण ने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, शिपिंग बंदरगाह और जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन में शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, एनएमपी के तहत वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपये की कुल मौद्रिकरण संभावनाओं का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा, संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा और उनका नियंत्रण वापस करना अनिवार्य होगा। केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण के एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गयी थी।
इस दिशा में बजट में एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन तैयार करने का भी प्रावधान किया गया। ढांचागत क्षेत्र के मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श कर नीति आयोग ने एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की। वित्त मंत्री ने कहा कि संपत्तियों के मौद्रिकरण से संसाधनों का दोहन होगा और उनके बेहतर मूल्य की स्थिति में लाया जा सकेगा।
National Monetisation Pipeline (NMP) estimates aggregate monetization potential of Rs 6 lakh crores through core assets of the Central Govt, over a 4-year period, from FY 2022 to FY 2025: Finance Ministry https://t.co/0PSBMUDX4T
— ANI (@ANI) August 23, 2021