जींद। आत्मनिर्भर भारत के नाम पर बेरोजगारों को ट्रेडिंग सिखाकर रोजगार देने तथा बेरोजगारों को क्रिप्टो मुद्रा में निवेश का झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गुप्ता कॉलोनी निवासी श्रीकांत ने शिकायत दी कि गुजरात के रहने वाले हितेश ऊर्फ नील पटेल ने नवम्बर 2020 में ट्विटर पर पोस्ट में कहा था कि वे लोगों को विदेशी मुद्रा प्रशिक्षण के साथ नौकरी देंगे। शिकायत के हवाले से उन्होंने बताया कि उससे तीन माह के प्रशिक्षण शुल्क के रूप में 45 हजार रुपये लिए गए, शिकायतकर्ता से कहा गया था कि प्रशिक्षण के बाद उसे दो वर्ष के लिए नौकरी पर रखा जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान आरोपित ने क्रिप्टो मुद्रा में निवेश करने के लिए कहा। जिस पर उसने भी चार लाख रुपये का निवेश किया। पुलिस ने बताया कि इसके अलावा लगभग 500 लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया। उसके द्वारा निवेश की गई राशि की कीमत 12 लाख रुपये बनती है, जबकि सभी निवेशकों की राशि की कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बनती है।
उन्होंने बताया कि चार माह के बाद उसके अलावा अन्य प्रशिक्षण लेने वालों ने राशि वापस मांगी तो उन्हें कहा जाने लगा की आरबीआई ने भुगतान रोक दिया है जबकि उन्होंने राशि भारतीय बैंकों में जमा करवाई थी। पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी के इस खेल में केरल निवासी अलकेश, आरोपित हितेश उर्फ नील का पिता गोवर्धन भी शामिल है। शिकायत के बाद पुलिस नेतीनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है।