राहुल के नहले पर स्मृति का दहला, 2008 के फैसले का जिक्र कर पूछा- क्या तब उनकी माता जी देश बेच रही थीं?

 


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा को युवाओं के ‘भविष्य पर आक्रमण’ करार दिया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 साल में जनता के पैसे से बनी देश की बहुमूल्य संपत्तियों को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को ‘उपहार’ के रूप में दे रहे हैं। राहुल के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि एयरपोर्ट निजीकरण का काम कांग्रेस शासन के दौरान शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी तब घोषित हुआ जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि जिस सरकार की मुखिया उनकी माता जी थी वे सरकार देश बेचने का दुस्साहस कर रही थी।

राहुल ने  लगाया 70 साल की पूंजी बेचने का आरोप

राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि '70 साल में कुछ नहीं हुआ' और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया। सारे के सारे निजीकरण एकाधिकार बनाने के लिए किए जा रहे हैं। पावर, टेलीकॉम, वेयर हाउसिंग, माइनिंग, एयरपोर्ट, पोर्ट्स ये सब एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है। आप जानते हो पोर्ट्स किसके हाथ में हैं, एयरपोर्ट किसको मिल रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि से ही एकाधिकार बनता जाएगा उसी तेज़ी से आपको रोज़गार मिलना बंद हो जाएगा। इस देश में जो छोटे और मध्यम व्यवसाय हैं जो कल आपको रोज़गार देंगे वो सब बंद हो जाएंगे, ख़त्म हो जाएंगे। 3-4 व्यवसाय रहेंगे इनको रोज़गार देने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी। हिन्दुस्तान की पूंजी बेची जा रही है, ये आपके भविष्य पर आक्रमण है। नरेंद्र मोदी जी अपने 2-3 उद्योगपति मित्रों के साथ हिन्दुस्तान के युवा पर आक्रमण कर रहे हैं, इसे आप अच्छी तरह समझिए।