![students in haryana board school students in haryana board school](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2021/03/11/16_9/16_9_1/students_in_haryana_board_school_1615469693.jpg)
मध्यप्रदेश के वनमंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश के वन क्षेत्रों में निवास करने वाले तेन्दूपत्ता संग्राहकों, फड़मुंशी और प्रबंधकों के बच्चों को एकलव्य शिक्षा विकास योजना के जरिए उनकी शिक्षा के बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। शाह ने बताया कि लघु वनोपज संघ द्वारा संग्राहकों के बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों में सहायता प्रदान कर उनका भविष्य संवारा जा रहा है। वन विभाग में एकलव्य शिक्षा विकास योजना के जरिए तेन्दूपत्ता संग्राहक, फड़ और प्राथमिक मुंशी प्राकृतिक वनोपज समिति प्रबंधकों के बच्चों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एकलव्य शिक्षा विकास योजना में वित्त वर्ष 2०2०-21 में शैक्षणिक सत्र 2०19-2० के लिए अब तक 935 छात्र-छात्राओं को 9 करोड़ 88 लाख 43 हजार रूपए की सहायता दी गई है। इनमें स्कूल शिक्षा के 739, स्नातक स्तर के 139 और 57 तकनीकी शिक्षा स्नातक के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।
तेन्दूपत्ता संग्राहक, फडमुंशी और प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधक के बच्चों की पिछली परीक्षा में 6० फीसदी अंक प्राप्त करने पर इस योजना से लाभ लेने की पात्रता है। इसके अलावा संग्राहक के लिए यह जरूरी है कि पिछले 5 वर्ष में कम से कम तीन वर्ष की अवधि में न्यूनतम एक मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया हो। फड़मुंशी और समिति प्रबंधक द्वारा न्यूनतम 3 वर्षों में तेन्दूपत्ता सीजन में कार्य करना जरूरी है।
इस योजना में छात्र-छात्राओं को शिक्षण शुल्क, पाठ्य पुस्तकें, छात्रावास व्यय और वर्ष में एक बार घर आने-जाने के लिए यात्रा व्यय की पूर्ति की जाती है। इसके साथ ही कक्षा 9वीं और 1०वीं के विद्यार्थी को 12 हजार रूपये अधिकतम वार्षिक सहायता, कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थी को 15 हजार, गैर तकनीकी स्नातक विद्याथीर् को 2० हजार और व्यावसायिक कोर्स के विद्यार्थी को अधिकतम 5० हजार रूपये की वार्षिक सहायता दी जाती है।