CII ने स्वतंत्र निदेशकों की जिम्मेदारियों को लेकर सरकार को लिखा पत्र

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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने स्वतंत्र निदेशकों के लिए कानूनी कार्रवाई की दृष्टि से 'सुरक्षा के प्रावधान के कुछ उपाय करने का सुझाव दिया है। उद्योग मंडल ने कहा है कि स्वतंत्र निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई तभी शुरू की जानी चाहिए जबकि प्रथम दृष्टया किसी मामले में उनके शामिल होने का प्रमाण हो।     

सरकार ने हाल में कंपनी कानून, 2013 को अपराधीकरण मुक्त करने की प्रक्रिया पूरी की है। सीआईआई ने इस बारे में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को लेटर सौंपा है। इसमें स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े अपराधों, देनदारियों के निपटान की संबंधित रूपरेखा का उल्लेख किया गया है। चैंबर ने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों को प्रतिनिधि से जुड़े किसी जुड़े आपराधिक दायित्व से छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि वे किसी कंपनी के रोजाना के कामकाज से जुड़े नहीं होते हैं।    

चैंबर ने कहा कि कानून में किसी प्रावधान को लागू होने से रोकने की धारा जोड़ी जानी चाहिए जिसके तहत स्वतंत्र निदेशकों को कंपनी द्वारा किए गए अपराधों से छूट मिल सके। चैंबर ने सुझाव दिया कि निदेशकों और स्वतंत्रत निदेशकों तथा कंपनी सचिवों भारी दायित्व और जिम्मेदारियों को देखते हए दंड सिर्फ जुर्माने तक सीमित रहना चाहिए और इसमें जेल का प्रावधान नहीं होना चाहिए।