आरक्षण पर न्यायालय के निर्णय के बाद गांवों में बदलेगी तस्वीर

आरक्षण पर न्यायालय के निर्णय के बाद गांवों में बदलेगी तस्वीर

ग्राम पंचायतों में आरक्षण पर न्यायालय के निर्णय के बाद गांवों में आरक्षण की तस्वीर बदलने की प्रबल संभावनाएं पैदा हो गई है। एकदम शांत हो गई गांवों की राजनीति में फिर से भूचाल सा आ गया है। गांवों के असरदार लोग फिर से आरक्षण बदलने के बाद प्रधान पद पर दांव लगाने की जुगत में लग गए हैं। इससे गांवों के आरक्षण में बदलाव की संभावना से राजनीति तेज हो गई है।

पंचायत चुनावों में आरक्षण ही सबसे जटिल काम होता है। इसकी सूची जारी होने के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों में जुटता है। सरकार द्वारा आरक्षण किए जाने के नियम तय करने के बाद आरक्षण की सूची तैयार करने में कम से कम एक महीने का टाइम लगता है। पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के ताजा फैसले से चुनाव के और आगे खिसक जाने की भरपूर संभावना है। उधर, उच्च न्यायालय के फैसले से नए सिरे से आरक्षण हुआ तो बड़े पैमाने पर आरक्षण में बदलाव हो जाएगा।

सीओ ने मातहतों को कराया अफसरों के निर्देशों से रूबरू

मवाना। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस तैयारियों में जुट गई है। पुलिस क्षेत्राधिकारी मवाना ने चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए जारी अफसरों के निर्देशों का पालन करने की हिदायत अपने मातहतों को दी है।

फलावदा थाने में सोमवार को पुलिस क्षेत्राधिकारी मवाना उदय प्रताप सिंह ने अपने मातहतों के साथ बैठक की। सीओ ने चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा करते हुए पुलिस को अफसरों के निर्देशों से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि जमानत पर छूटे अपराधियों का सत्यापन करके निगरानी सुनिश्चित की जाए। सूचना तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली चुनावी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे।

उन्होंने थानाध्यक्षों को शांति व्यवस्था भंग करने की आशंका वाले संदिग्ध लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। गोष्ठी में सीओ ने थाना प्रभारी के अलावा सभी उप निरीक्षकों तथा पुलिसकर्मियों को अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक द्वारा दिए गए आदेश व दिशा-निर्देशों से भलीभांति अवगत कराया। सीओ ने बताया कि क्षेत्र में शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराना पुलिस की प्राथमिकता रहेगी।