सीएम योगी का अखिलेश यादव पर तंज, किसे बताया महाभारत का पात्र
chief minister yogi adityanath said that the development works and projects of ayodhya should be acc

यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उनके परिवार की तुलना महाभारत के पात्रों से करते हुये कहा कि महाभारत के ये वही पात्र हैं जिन्होंने महाभारत करके भारत की प्रगति को पूरी तरह बाधित किये थे, उसी तरह उन इन लोगों ने फ‍िर से जन्म लेकर प्रदेश के विकास को बाधित किया। शनिवार को यहां लोकभवन में आयोजित एक समारोह में नव चयनित खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चार वर्ष के उनके कार्यकाल में प्रदेश के चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली। 

योगी ने नियुक्ति पत्र पाने वालों से पूछा, क्‍या आपको अपने लिए किसी नेता, मंत्री या अधिकारी से सिफारिश करनी पड़ी, लेकिन यह पहले होता था, 2017 के पहले होता था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के परिवार को आड़े हाथों लेते हुये योगी ने कहा, कुछ खानदान ऐसे थे जिनको अलग-अलग भर्ती आवंटित हो जाती थी, फलाना चाचा देखेगा, फलाना भाई देखेगा, फलाना भतीजा देखेगा और यह सब होता था। काका, चाचा, नाना, मामा, पहले महाभारत में सुना होगा या 2012 से 2017 के बीच (सपा की सरकार का कार्यकाल) आपने देखा होगा।

उन्होंने कहा, ये महाभारत के वही पात्र हैं, इन्होंने फिर से जन्म लिया है। ये लोग जैसे महाभारत करके भारत की प्रगति को पूरी तरह बाधित किये थे उसी तरह इन लोगों ने फ‍िर से प्रदेश के विकास को बाधित किया। योगी ने कहा, जब 2017 में मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया तो लोग पूछते थे कि प्रदेश कैसे चलेगा लेकिन मैंने कहा कि यह व्यापक संभावनाओं वाला प्रदेश है और यहां कोई कमी नहीं है, सिर्फ नेतृत्व की आवश्यकता है। सिस्‍टम वही है लेकिन अब उत्तर प्रदेश बदल गया है।

उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुये कहा, एक भी जगह नियुक्तियों में गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं मिली। हमने स्वतंत्रता दी कि चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए, ईमानदारी पूर्ण होनी चाहिए और किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा, जब तक उत्तर प्रदेश योगी सरकार के हाथों में है तब तक आमजन को अपने बच्चों के लिए शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और आवास की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।